कार्यवाहक प्रधानाचार्य को वेतन से इनकार चौंकाने वाला

 

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि उप्र माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड अधिनियम समाप्त हो चुका है और नए शिक्षा चयन बोर्ड का अभी क्रियान्वयन नहीं हो सका है, इसलिए कार्यकारी प्रधानाचार्य को वेतन से इनकार करने का जिला विद्यालय निरीक्षक कन्नौज का आदेश हतप्रभ करने वाला है।


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कोर्ट ने कहा कि याची को वेतन भुगतान सरकार को करना है। इससे शिक्षा बोर्ड या आयोग से कोई सरोकार नहीं है। इसी के साथ कोर्ट ने जिला विद्यालय निरीक्षक का गत 26 सितंबर का आदेश विधि विरुद्ध करार देते हुए निरस्त कर दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने आदर्श शिक्षा सदन इंटर कॉलेज अलीपुर सौरिख के कार्यकारी प्रधानाचार्य विनोद कुमार यादव की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याची के अधिवक्ता अनुराग शुक्ल का कहना था कि याची वरिष्ठतम अध्यापक है।नियमानुसार प्रधानाचार्य का पद रिक्त होने पर उसे चार्ज सौंपा गया। बाद में डीआईओएस हस्ताक्षर प्रमाणित किया और वह कार्यरत है। याची ने कार्यकारी प्रधानाचार्य के पद का वेतन भुगतान करने की अर्जी दी। डीआईओएस ने अर्जी निरस्त कर कहा कि पुराना कानून समाप्त हो गया है।