पीसीएस के बाद आरओ-एआरओ परीक्षा को लेकर फिर बढ़ेगा दबाव


प्रयागराज। प्रतियोगी छात्र 22 दिसंबर को प्रस्तावित पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा की तैयारियों में जुट गए हैं। परीक्षा के बाद उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) पर आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा पर निर्णय लेने का दबाव बढ़ेगा।



आयोग ने मामले में कमेटी का गठन किया है। रिपोर्ट के आधार पर आयोग को निर्णय लेना है।

जून-2024 को जारी गाइडलाइन में केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया को सख्त किए जाने से उपजे विवाद ने आयोग को भी चौतरफा घेर लिया है। आयोग के सामने भी इस समस्या से बाहर आने की चुनौती है।

आरओ/एआरओ परीक्षा मामले में कमेटी जल्द सौंपेगी आयोग को अपनी रिपोर्ट
गाइडलाइन के अनुसार किसी परीक्षा के लिए अगर पांच लाख या इससे अधिक अभ्यर्थी आवेदन करते हैं तो परीक्षा कई पालियों में आयोजित की जाएगी।

अगर आयोग शासन की गाइडलाइन के अनुरूप परीक्षा केंद्रों निर्धारण करता है तो भी उसे प्रदेश
भर में केवल 978 केंद्र ही मिल पा रहे हैं, जिनमें 435074 अभ्यर्थियों की परीक्षा ही कराई जा सकती है।

पीसीएस परीक्षा के केंद्र निर्धारण में यह जानकारी सामने आई थी। ऐसे में अगर आयोग की किसी परीक्षा के लिए साढ़े चार से पांच लाख तक अभ्यर्थी आवेदन करते हैं तो भी परीक्षा एक पाली में करा पाना आयोग के लिए मुश्किल होगा।

पीसीएस परीक्षा को तो विशिष्ट श्रेणी में रखते हुए शासन ने केंद्र निर्धारण के नियम शिथिल कर दिए लेकिन आयोग की अन्य परीक्षाएं विशिष्ट श्रेणी में शामिल नहीं हैं।

आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा के लिए 1076004 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। शासन की गाइडलाइन से रास्ता
निकालते हुए परीक्षा एक दिन में कैसे कराई जाए और नॉर्मलाइजेशन लागू न करना पड़े, इस पर मंथन के लिए आयोग ने एक कमेटी का गठन किया है।

इस बीच अभ्यर्थियों के साथ आयोग भी 22 दिसंबर को प्रस्तावित पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा की तैयारियों में जुट गया है। पीसीएस परीक्षा एक दिन में कराने के लिए परीक्षा केंद्रों की लिस्ट को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

परीक्षा के बाद आयोग पर आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा लेने का दबाव बढ़ेगा। सूत्रों का कहना है कि कमेटी जल्द हो अपनी रिपोर्ट आयोग को सौंप देगी। आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा महाकुंभ के बाद कराए जाने की तैयारी है।