नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान
आयोग (यूजीसी) के नए नियम के अनुसार त्वरित डिग्री कार्यक्रम (एडीपी) व विस्तारित डिग्री कार्यक्रम (ईडीपी) के तहत मिलने वाली डिग्री नौकरियों के लिए मानक डिग्री के बराबर होगी। सरकारी विभागों, निजी संस्थानों के अलावा यूपीएससी, एसएससी भी एडीपी और ईडीपी को सामान्य डिग्री की तरह मान्य मानेंगे, ताकि किसी भी छात्र को आवेदन के समय पात्रता मापदंड में दिक्कत न हो।
यूजीसी अध्यक्ष के मुताबिक, एडीपी मेधावी छात्रों को प्रति सेमेस्टर अतिरिक्त क्रेडिट प्राप्त कर 3-4 साल की डिग्री कम समय में पूरी करने का मौका देता है। एडीपी का विकल्प चुनने वाले छात्र पहले सेमेस्टर या फिर दूसरे सेमेस्टर की समाप्ति
पर डिग्री पूरी करने की अवधि में बदलाव का चयन कर सकते हैं। इसके बाद अनुमति नहीं मिलेगी। जो एडीपी चुनेंगे, उनको एडिशन क्रेडिट मिलेंगे.
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डिग्री इस तरह मिलेगी : मेधावी छात्रों
को डिग्री के लिए दीक्षांत समारोह में डिग्री अवार्ड का इंतजार नहीं करना होगा। उनको पहले डिग्री दे दी जाएगी।
जल्दी या धीमी गति से कोर्स पूरा करने वाले छात्रों की डिग्री पर एक स्पेशल नोट लिखा होगा। इसमें इस बात का जिक्र होगा कि छात्र ने डिग्री कितने समय में पूरी की है। जैसे चार वर्षीय डिग्री प्रोग्राम में लिखा होगा कि छात्र ने छह या सात सेमेस्टर में कोर्स पूरा किया है, वैसे यह आठ सेमेस्टर में पूरी होती है। ऐसे ही तीन साल वाले में पांच सेमेस्टर में पूरा किया है। जबकि कुल छह सेमेस्टर होते हैं।