नई दिल्ली, । कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) माफी योजना लाने की तैयारी में है। इससे उन कंपनियों एवं फर्मों को लाभ होगा, जो वित्तीय भार तथा अन्य किसी कारण से अपना ईपीएफओ में पंजीकरण पूरा नहीं कराई पाई हैं या फिर ईपीएफओ खातों को सक्रिय नहीं रख पाई है। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के निर्देश पर योजना का खाका तैयार किया जा रहा है। संभावना जताई जा रही है दिसंबर के अंत तक योजना की घोषणा हो सकती है।
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सूत्रों का कहना है कि माफी योजना रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना का ही हिस्सा होगी। वित्तीय वर्ष 2024-25 के आम बजट में केंद्र सरकार ने रोजगार को प्रोत्साहन देने और श्रमिकों को संगठित क्षेत्र से जोड़ने के लिए ईएलआई योजना की घोषणा की थी। इसमें जहां ईपीएफओ में पंजीकृत होने वाले कर्मचारियों को तीन किस्तों में 15 हजार रुपये यानी एक महीने का वेतन दिया जाएगा। विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करने को ईपीएफओ अंशदान से संबंधित वित्तीय सहयोग दिया जाएगा। एक लाख से कम का वेतन पाने वाले कर्मचारियों के लिए नियोक्ताओं को हर महीने तीन हजार रुपये की प्रतिपूर्ति करेगी, जो दो वर्षों तक की जाएगी। सरकार को उम्मीद है कि ईएलआई से जुड़े प्रोत्साहन के जरिए ईपीएफओ में पंजीकृत होने वाले कर्मचारियों की संख्या बढ़ेगी। इसलिए कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने को ही माफी योजना लाई जा रही है, जो एक तरह से प्रोत्साहन का ही काम करेगी।