लखनऊ, कैबिनेट ने प्रदेश के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों को बड़ी राहत देते हुए पांच वर्षों की न्यूनतम सेवा के बजाय केवल तीन वर्षों की सेवा के बाद ही स्थानांतरण का प्रस्ताव मंजूर कर दिया है। इससे घर से दूर प्रदेश के विभिन्न जिलों में सेवाएं दे रही महिला शिक्षकों को विशेष लाभ होगा, क्योंकि उन्हें परिवार के पास वापस आने का अवसर कम समय में मिलेगा। इसके लिए नई उच्चतर सेवा नियमावली-2024 में इसका प्रावधान किया गया है।
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ऐसे में प्रदेश के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में शिक्षक, जो नियमित नियुक्त और स्थायी रूप से पदस्थापित हैं, अब तीन वर्षों की सेवा के बाद स्थानांतरण अनुरोध कर सकेंगे। नई नियमावली के तहत यह प्रावधान है कि शिक्षक संपूर्ण सेवा काल में केवल एक बार स्थानांतरण के हकदार होंगे।