प्रदेश में रोजगार और निवेश बढ़ाने की डीएम और कमिश्नर पर होगी जिम्मेदारी


लखनऊ,  यूपी सरकार ने राज्य से सभी जिलों का सीडी रेशियो (क्रेडिट-डिपॉजिट) जारी कर दिया है। सीडी रेशियो व निजी पूंजी निवेश बढ़ाने के आधार पर ही अब जिलाधिकारियों व मंडलायुक्तों की वार्षिक कार्य मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार होगी। यह कदम आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने और प्रशासनिक जवाबदेही सुनिश्चित के लिए किया गया है।


इस संबंधी मुख्य सचिव ने सोमवार को शासनादेश जारी कर दिया। इसके तहत एक अप्रैल 2024 तक के जनपदवार सीडी रेशियो (क्रेडिट-डिपॉजिट) को सभी 75 जिलाधिकारी एवं मंडलायुक्तों को भेज दिया गया है। अब अगले साल एक अप्रैल को देखा जाएगा कि मौजूदा सीडी रेशियो में कितनी बढ़ोतरी हुई। सीडी रेशियो के भेजे गए आंकड़े राज्य स्तरीय बैंकर समिति द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं। जिलाधिकारी एवं मंडलायुक्तों के प्रदर्शन का आकलन उनके जिलों में क्रेडिट-डिपॉजिट अनुपात में की गई प्रगति के आधार पर किया जाएगा।

ये भी पढ़ें - अवकाश स्वीकृत न किए जाने के सम्बन्ध में आदेश जारी

ये भी पढ़ें - परख एप पर बच्चों के नाम नहीं, कैसे लेंगे निपुण टेस्ट

ये भी पढ़ें - शिक्षकों के फर्जी हस्ताक्षर से निकाले पैसे, 4 लाख रुपये का गबन


इसका उद्देश्य जिलों में आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन देना, निवेश बढ़ाना, और बैंकिंग सेवाओं के माध्यम से वित्तीय समावेशन को सुदृढ़ करना है। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों की वार्षिक कार्य मूल्यांकन रिपोर्ट में निवेश आकर्षण और सीडी रेश्यो वृद्धि के साथ-साथ निवेशकों की सुरक्षा, सुविधाएं और सहूलियतों को ध्यान में रखते हुए किए गए प्रयासों का भी मूल्यांकन होगा, जिससे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही उद्यमियों के लिए समयबद्ध तरीके से लैंड अलॉटमेंट, लैंड सब्सिडी, लैंड यूज चेंज, लैंड क्लियरेंस समेत लैंड बैंक को तैयार कर उसकी मॉनीटरिंग और रेगुलर अपडेशन किये जाने का भी मूल्यांकन किया जाएगा।


यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि जिलों में निवेश लाने और उसे प्रोत्साहित करने के लिए अधिकारी अपनी भूमिका को जिम्मेदारी से निभाएं।


मुख्य सचिव के अनुसार, राज्य सरकार वर्तमान वित्तीय वर्ष के अंत तक 65 प्रतिशत के सीडी रेशियो के लक्ष्य को तय करके आगे बढ़ रही है। इस रेशियो का बढ़ना राज्य में आर्थिक स्थिरता और निवेश के लिए अनुकूल वातावरण का संकेत है। योगी सरकार द्वारा सभी क्षेत्रों सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे उद्योगों को प्रदेश में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।