आरओ/एआरओ प्री कुंभ के बाद ही: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को पौने ग्यारह लाख अभ्यर्थियों के लिए करनी होगी व्यवस्था

 

आरओ/एआरओ प्री कुंभ के बाद ही


शून्य नहीं होगा लोक सेवा आयोग का सत्र



22 दिसंबर को पीसीएस 2024 प्रारंभिक परीक्षा कराने के फैसले से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग का सत्र शून्य नहीं होगा। 11 नवंबर को जिस तरह से प्रतियोगी छात्रों ने आंदोलन शुरू किया था तो लगने लगा था कि कहीं सत्र शून्य न हो जाए। हालांकि परीक्षा तिथि तय होने के साथ ही सारी आशंकाओं का खुद-ब-खुद समाधान हो गया। ये अलग बात है कि आयोग अपने तय समय से नौ महीने से अधिक अंतराल के बाद परीक्षा करा सकेगा।

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प्रयागराज,  यूपी लोक सेवा आयोग ने आरओ/एआरओ 2023 प्रारंभिक परीक्षा स्थगित करते हुए वरिष्ठतम सदस्य कल्पराज सिंह की अध्यक्षता कमेटी गठित कर दी है। कमेटी की सिफारिश मिलने के बाद ही प्रारंभिक परीक्षा पर कोई निर्णय होगा। वैसे एक बात तो तय है कि छात्रसंख्या के लिहाज से आयोग की सबसे बड़ी परीक्षा में से एक आरओ/एआरओ प्री अब महाकुम्भ के बाद ही होने के आसार हैं।


महाकुम्भ का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक होने जा रहा है। 22 दिसंबर को पीसीएस प्री कराने के बाद तीन सप्ताह के अंदर इतनी बड़ी परीक्षा कराने की तैयारी करना मुमकिन नहीं। आरओ/एआरओ के 411 पदों के लिए 10,76,004 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। महाकुंभ के बाद यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं होनी हैं। इसलिए लोक सेवा आयोग को परीक्षा केंद्र नहीं मिलेंगे। ऐसे में मार्च के दूसरे पखवाड़े में ही आरओ/एआरओ प्री के आसार हैं।


पीसीएस प्री के लिए बनाए जाएंगे 1758 केंद्र22 दिसंबर को होने जा रही पीसीएस 2024 प्रारंभिक परीक्षा के लिए आयोग को 1758 केंद्र चाहिए होंगे। पीसीएस के लिए 5,76,154 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। इनके लिए एक दिन में परीक्षा कराने के लिए 1758 केंद्रों की आवश्यकता होगी।


23 साल बाद फिर उसी साल परिणाम नहीं दे सकेगा आयोग इस साल पीसीएस प्री परीक्षा करा तो लेगा लेकिन परिणाम आना मुमकिन नहीं है। पिछले ढाई दशक के आयोग के इतिहास में ऐसा दूसरी बार होने जा रहा है। इससे पहले साल 2001 में आयोग ने पीसीएस प्री परीक्षा तो करा ली थी लेकिन उस साल परिणाम घोषित नहीं कर सका था।


निर्णय के 29 घंटे बाद धरना पूरी तरह से समाप्त


पीसीएसी 2024 प्रारंभिक परीक्षा एक दिन में कराने के निर्णय के 29 घंटे में लोक सेवा आयोग के बाहर चल रहा धरना पूरी तरह खत्म हो गया। कुछ छात्र आरओ/एआरओ भी एक दिन में कराने और मानकीकरण हटाने की मांग पर डटे थे। दो दर्जन से अधिक छात्र शुक्रवार रात नौ बजे तक गेट के बाहर बैठे थे। मगर पुलिस ने समझा-बुझाकर वापस भेज दिया। छात्रों ने कमेटी का निर्णय आने तक धरने को विराम दे दिया। पुलिस का कहना है कि छात्र लौट गए हैं।


शासनादेश की अड़चन, इसलिए बनी कमेटी


छात्रों के दबाव में आयोग ने पीसीएस 2024 प्रारंभिक परीक्षा तो एक ही दिन में कराने का निर्णय तो ले लिया है लेकिन आरओ/एआरओ 2023 प्री परीक्षा के लिए वरिष्ठतम सदस्य कल्पराज सिंह की अध्यक्षता कमेटी गठित कर दी गई है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि प्रतियोगी परीक्षाएं कराने के संबंध में 19 जून को जारी शासनादेश में लिखा था कि पीसीएस परीक्षा एक विशिष्ट परीक्षा है अत यदि आयोग चाहे तो पांच लाख से अधिक परीक्षार्थी होने पर भी उक्त परीक्षा को एक पाली में करा सकता है।


आखिरकार आशुतोष पांडेय को भेज दिया जेल


आयोग के सामने अपनी मांगों को लेकर धरना देने वाले प्रतियोगी छात्र आशुतोष पांडेय को पुलिस ने शुक्रवार को जेल भेज दिया। गुरुवार सुबह आशुतोष पांडेय सहित चार छात्रों को पुलिस ने धरनास्थल से जबरन उठाया था। वहीं, एक दर्जन छात्रों को हिरासत में लेकर पुलिस थाने ले गई थी। सभी 16 छात्रों को गुरुवार रात ही चालान करने के बाद निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया था, लेकिन आशुतोष पांडेय को दूसरे दिन शुक्रवार को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया।