भंगी, नीच, भिखारी जैसे शब्द जातिसूचक नहीं : हाईकोर्ट




जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने एससी-एसटी

अत्याचार निवारण अधिनियम से जुड़े एक मामले में

माना कि भंगी, नीच, भिखारी, मांगनी जैसे शब्द


जातिसूचक नहीं हैं। 13 साल पुराने मामले में

याचिकाकर्ताओं को आरोपों से मुक्त करने का आदेश

दिया। हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ में अचलसिंह व

अन्य बनाम राज्य सरकार व अन्य मामले में सुनवाई

के दौरान न्यायाधीश बीरेन्द्र कुमार ने फैसले में कहा

कि जो शब्द बोले गए, वह जातियों के नहीं हैं। ऐसे

भी कोई आरोप सामने नहीं हैं कि याचिकाकर्ता को

यह पता था अतिक्रमण हटाने गए लोकसेवकों की

जाति क्या है। जैसलमेर कोतवाली में 31 जनवरी

2011 को दर्ज इस मामले में आरोप लगाया गया था

कि सरकारी अधिकारी हरीशचंद्र सहकर्मियों के साथ

अचलसिंह द्वारा सरकारी भूमि पर किए अतिक्रमण

की पहचान के लिए गए थे। अचल व अन्य आरोपियों

ने भंगी, नीच, भिखारी शब्द कह कर सरकारी कर्मियों

पर हमला कर दिया था।