विभाग में मचा हड़कंप : चार बीईओ के खिलाफ डीओ लेटर जारी

 

महराजगंज, । बीएसए कुमार गुप्ता 11 शिक्षकों के खिलाफ निर्देश के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं कराने के मामले में खंड शिक्षा अधिकारियों पर शिकंजा कसा है। परतावल, पनियरा, निचलौल व सिसवा के बीईओ के खिलाफ डीओ लेटर जारी कर दिया है। इससे विभाग में हड़कंप मच गया है। अनुशासनहीनता के आरोप में इन खंड शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।




बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक विद्यालयों में कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर नौकरी की श्री शिकायत शिकायत पर पर जांच जांच रिपोर्ट के आधार पर पिछले चार साल में दो दर्जन से अधिक शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है। इन शिक्षकों की नियुक्ति तिथि से वेतन रिकवरी व विधिक कार्रवाई के लिए एफआईआर दर्ज कराने का आदेश जारी है। एफआईआर संबंधित ब्लाक के खंड शिक्षा अधिकारियों को कराना था। लेकिन बर्खास्त 11 शिक्षकों के खिलाफ अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं कराया गया है। इसमें से कुछ शिक्षकों की बर्खास्तगी डेढ़ से दो साल पहले हुई है। एफआईआर दर्ज होने की वजह से फर्जी शिक्षक गिरफ्त से दूर हैं। वेतन की रिकवरी नहीं हो पा रही है। आरोप लगता है कि खंड शिक्षा अधिकारी सांठगांठ के चलते एफआईआर दर्ज नहीं करा रहे हैं।


बीएसए श्रवण कुमार गुप्ता ने कहा कि फर्जी नियुक्ति में बर्खास्त किए जा चुके शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश जारी है, लेकिन चार ब्लाक के खंड शिक्षा अधिकारियों ने एफआईआर दर्ज नहीं कराया है। यह अनुशासनहीनता है। इस मामले में परतावल, पनियरा, निचलौल व सिसवा के बीईओ के खिलाफ डीओ लेटर जारी किया गया है।


इन बर्खास्त शिक्षकों पर अभी तक एफआईआर नहीं फर्जी नियुक्ति में परतावल क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय धनगड़ा के शिक्षक


राजकुमार यादव, प्राथमिक विद्यालय बैजौली के शिक्षक दिनेश चंद, पनियरा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय डिहवा के शिक्षक प्रेमचंद शुक्ल, निचलौल क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय शिकारपुर के शिक्षक अजय प्रताप, पैकौली के शिक्षक वेदानंद यादव, अदरौना के शिक्षक रतन कुमार पांडेय, बकुलडीहा के शिक्षक कन्हैया लाल यादव, बढ़ेपुरवा के शिक्षक अरविन्द यादव, बैठवलिया द्वितीय के शिक्षक सैयद अली व सिसवा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय मटियरिया के शिक्षक जयप्रकाश पांडेय व प्राथमिक विद्यालय पिपरिया कला के शिक्षक उस्मान गनी को बर्खास्त किया जा चुका है, लेकिन बीएसए के आदेश के बाद भी अभी तक इन बर्खास्त शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं कराया गया है