शिक्षकों की कमी से परिषदीय विद्यालयों का फूल रहा दम


बरेली। परिषदीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को निपुण बनाने के दावे पर शिक्षकों की कमी भारी पड़ रही है। दूर-दराज के इलाके छोड़िए शहर के कई विद्यालयों में ही मानक के अनुरूप शिक्षक नहीं हैं। बड़ी संख्या में ऐसे विद्यालय है, जिनमें एकल शिक्षक के भरोेसे कक्षाएं संचालित की जा रही हैं।



विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, नगर में प्राथमिक विद्यालय रहपुरा चौधरी, कंपोजिट विद्यालय खड़ौआ, प्राथमिक विद्यालय पीर बहोड़ा, प्राथमिक विद्यालय हरुनगला प्रथम व द्वितीय, प्राथमिक विद्यालय बिहार कला, प्राथमिक विद्यालय नेकपुर, प्राथमिक विद्यालय बेनीपुर, प्राथमिक विद्यालय रेलवे कॉलोनी, कंपोजिट विद्यालय कोहाड़ापीर समेत 30 से अधिक विद्यालयों में एकल शिक्षक हैं।


ऐसे में एकमात्र शिक्षक के अवकाश या बीएलओ ड्यूटी पर जाने, बीमार होेने पर विद्यालय में ताला डालना पड़ता है। बीते दिनों इस प्रकार के कई मामले सामने आ चुके हैं।



2011 से नगर में नहीं हुई नियुक्ति

नगर क्षेत्र में वर्ष 2011 से कोई नई नियुक्ति नहीं हुई है। साथ ही स्थानांतरित होकर भी शिक्षक नहीं आए हैं। इस अवधि में बड़ी संख्या में शिक्षक सेवानिवृत्त हो गए। ऐसे में विद्यार्थियों की पढ़ाई लगातार प्रभावित हो रही है। जिन विद्यालयों के एकल शिक्षक सेवानिवृत्त होते हैं उनके स्थान पर शिक्षामित्र की तैनाती की जाती है, या फिर उसे नजदीकी स्कूल से संबद्ध कर दिया जाता है। प्राथमिक विद्यालय सनईया धनसिंह और सिठौरा इसका उदाहरण हैं। वहीं, ग्रामीण क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय फतेहगंज पश्चिमी प्रथम में 432 बच्चों के लिए 22 शिक्षक तैनात हैं। शिक्षक नेता हरीश बाबू शर्मा ने कहा कि विद्यार्थियों के हित को ध्यान में रखते हुए शिक्षकों की तैनाती की जाए।

बीएलओ ड्यूटी में शिक्षक, बंद करना पड़ा विद्यालय

नौ नवंबर को प्राथमिक विद्यालय कटघर की शिक्षामित्र को बीएलओ ड्यूटी पर जाना था। ऐसे में उन्होंने सुबह 10 बजे ही विद्यालय के गेट पर ताला लगा दिया और विद्यार्थी घर चले गए।


नगर क्षेत्र के विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। विद्यार्थियों की पढ़ाई विभाग की प्राथमिकता है। -


संजय सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी