अमरोहा। परिषदीय विद्यालयों में
विद्यालय प्रबंध समितियों का गठन अब नए सिरे से किया जाएगा। वर्तमान में कार्य कर रही प्रबंध समितियों का कार्यकाल 30 नवंबर को पूरा हो रहा है। 30 नवंबर से पहले सभी विद्यालयों में प्रबंध समिति बनाने की कार्रवाई पूरी की जाएगी। शासन की और से इस संबंध में दिशा निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।
निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत जिले के 1266 परिषदीय विद्यालयों में विद्यालय प्रबंध समिति का गठन किया जाता है। इन समितियों का कार्यकाल दो साल के लिए होता है। 30 नवंबर को कार्यकाल पूरा होने के कारण एक दिसंबर से पहले नई कार्यकारिणी का गठन किया जाना है। इसके लिए शासन की और से निर्देश भी जारी किए जा चुके हैं। एक ही परिसर में स्थापित प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं
कंपोजिट विद्यालय के लिए एक ही समिति का गठन किया जाएगा। इसके अलावा कस्तूरबा विद्यालयों में भी प्रबंध समिति का गठन होगा।
विद्यालय प्रबंध समिति के 11 अभिभावक सदस्यों में हरेक कक्षा का प्रतिनिधित्व अनिवार्य रूप से करना होगा। शिक्षा मित्रों, रसोइयों व शिक्षा विभाग में कार्यरत व्यक्ति समिति के सदस्य नहीं बन सकेंगे।
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15 सदस्य होंगे प्रबंध समिति में
प्रबंध समिति में 15 सदस्य शामिल हो
सकेंगे। जिसमें 11 सदस्य बच्चों के अभिभावक होंगे। 50 फीसदी महिला सदस्यों को रखना अनिवार्य होगा। जबकि, चार सदस्यों में एक स्थानीय निकाय का पंचायत का सदस्य, एक एएनएम अथवा मिडवाइफ, डीएम द्वारा नामित एक लेखपाल तथा एक प्रधानाध्यापक शामिल होगा।
यह हैं प्रबंध समिति के दायित्व
विद्यालयों में गठित होने वाली प्रबंध समिति आसपास के क्षेत्र के सभी बच्चों का नामांकन एवं उपस्थिति सुनिश्चित करेगी। विद्यालय की आधारभूत संरचना एवं मानकों के रखरखाव का भी अवलोकन कर सकेगी। साथ ही निपुण भारत मिशन अभियान के तहत अभिभावकों की सहभागिता सुनिश्चित करेगी। एमडीएम के तहत मिलने वाले मिडडे मील का भी समय समय पर अवलोकन कर सकेंगे।
विद्यालय प्रबंध समितियों का कार्यकाल पूरा होने पर शासन की और से विद्यालयों में 30 नवंबर से एसएमसी गठित करने के निर्देश दिए गए हैं। जिसके संबंध में सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को समितियों के गठन को निर्देश दे दिए गए हैं।
- डॉ. मोनिका, बीएसए