कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से जुड़े सदस्यों को अपने यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) को सक्रिय बनाए रखने के लिए आधार-आधारित सत्यापन करना होगा। इसको लेकर श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने नियोक्ताओं (कंपनियों एवं फर्मों) को निर्देश जारी किया है।
इसके तहत सभी यूएएन का आधार नंबर के साथ लिंक मोबाइल नंबर पर प्राप्त वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) से सत्यापन करना होगा, जिससे ईपीएफओ सदस्यों को सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ मिल सके।
पहले चरण में नियोक्ताओं को चालू वित्त वर्ष में अपने सभी कर्मचारियों के लिए आधार-आधारित ओटीपी के माध्यम से यूएएन सक्रियता की प्रक्रिया को 30 नवंबर तक पूरा करना होगा। उसके बाद अन्य सभी कर्मचारियों के लिए भी सत्यापन की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। यूएएन सक्रियता से कर्मचारियों को ईपीएफओ की व्यापक ऑनलाइन सेवाओं का लाभ उठाने में आसानी होगी, जिससे उन्हें अपने भविष्य निधि (पीएफ) खाते की सारी जानकारी मिल सकेगी।
● पहले ईपीएफओ पोर्टल ( https// www. epfindia. gov. in/) पर जाएं। महत्वपूर्ण लिंक के अंतर्गत
सक्रिय यूएएन लिंक पर क्लिक करें।
● यूएएन, आधार नंबर, नाम, जन्मतिथि और आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर दर्ज करें।
● कर्मचारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका मोबाइल नंबर आधार से जुड़ा हो।
● अपने आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर ओटीपी प्राप्त करने के लिए सत्यापन पिन प्राप्त करें पर क्लिक करें।
● सक्रियता को पूरा करने के लिए ओटीपी दर्ज करें।
● सफल सक्रियता पर आपके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक पासवर्ड भेजा जाएगा।
2. विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन पर कर्मचारी और नियोक्तों को रोजगार के पहले चार वर्षों के दौरान अंशदान से संबंधित वित्तीय सहायता मिलेगी। करीब 30 लाख को लाभ मिलेगा।
3. नई नौकरियों के लिए एक लाख रुपये प्रति माह से कम कमाने वाले नए कर्मचारी के लिए सरकार नियोक्ता को ईपीएफओ अंशदान के लिए दो वर्ष तक 3,000 रुपये प्रति माह तक की प्रतिपूर्ति करेगी।
1. पहली बार नौकरी पाने वाले कर्मचारियों को 15,000 रुपये तीन किस्तों में सीधे उनके खातों में दिया जाएगा। पात्रता के लिए उनका मासिक वेतन एक लाख रुपये तक होना चाहिए।
कर्मचारियों को यह फायदे होंगे
नई व्यवस्था के जरिए आसानी से लॉगइन हो सकेगा। साथ ही पीएफ पासबुक देखने और डाउनलोड करने, निकासी, अग्रिम व स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन दावे जमा करने में मदद मिलेगी। व्यक्तिगत विवरण अपडेट करने और दावों को ट्रैक करने में भी आसानी होगी। इससे ईपीएफओ कार्यालयों की दौड़भाग नहीं करनी होगी। उधर, दूसरे चरण में यूएएन सक्रियता के साथ चेहरे की पहचान से जुड़ी तकनीक के माध्यम से बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण को अपनाया जाएगा।