लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग में जूनियर शिक्षकों के तबादले के मामले में उच्च न्यायालय ने शिक्षकों को राहत दी है। जूनियर शिक्षकों को तबादले के लिए पहले रखने की नीति को अदालत ने सही नहीं माना।
साथ ही शिक्षक-विद्यार्थी अनुपात तय करने के मानकों पर भी असंतुष्टि जाहिर की। न्यायमूर्ति मनीष माथुर ने पुष्कर सिंह चंदेल व अन्य की याचिका पर सुनवाई के बाद चार अक्तूबर को आदेश सुरक्षित कर लिया था। इसी बीच न्यायमूर्ति मनीष माथुर का तबादला इलाहाबाद पीठ में हो गया। उन्होंने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से अपना फैसला सुनाया। बेसिक शिक्षा विभाग की तबादला नीति
में सबसे बाद में आए शिक्षक को पहले स्थानांतरित करने का प्रावधान था। याची शिक्षकों का कहना है कि इस नीति के अनुसार सिर्फ जूनियर शिक्षकों का तबादला होने की संभावना बन रही थी जबकि वरिष्ठ शिक्षकों के तबादले के अवसर कम ही बनेंगे। साथ ही शिक्षकों को विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात के अनुसार ट्रांसफर करने का प्रावधान भी था, जिस पर याची शिक्षकों ने असंतुष्टि जाहिर की थी।
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