एटा। अब परिषदीय विद्यालयों के विद्यार्थियों के स्वास्थ्य पर सुरक्षा पर विशेष ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए प्रत्येक विद्यालय में प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था होगी। वहीं, बच्चों को उपचार प्रदान करने के लिए विद्यालय के एक शिक्षक को स्वास्थ्य सेवा देने के लिए प्रशिक्षित भी किया जाएगा। ताकि वह आवश्यकता पड़ने पर विद्यार्थी को विद्यालय में प्राथमिक उपचार मिल सके।
परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत छात्राओं को विद्यालय में किसी भी प्रकार की आकस्मिक बीमारी अथवा चोट लगने के दौरान उन्हें विद्यालय में ही तुरंत प्राथमिक चिकित्सा प्राप्त हो सके। इसके लिए निशुल्क एवं बाल शिक्षा अधिकार के तहत परिषदीय विद्यालयों के विद्यार्थियों की सुरक्षा व सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है।
इसी कवायद के चलते छात्रों का विद्यालय में स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जाएगा। शिक्षा विभाग द्वारा अब हर विद्यालय में प्राथमिक चिकित्सा किट रखी जाएगी। जिससे आपात स्थिति में छात्रों को तुरंत उपचार किया जाएगा।
विद्यार्थियों के उपचार के लिए विद्यालय का एक शिक्षक को प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिससे उन्हें उपचार मिल सके।
किट में यह होगा समान
स्वास्थ्य किट में डिटॉल, पट्टी, गरम पट्टी, बैंडेज, रुई, कैंची एंटीसेप्टिक लोशन, क्रीम, टेप, ग्लब्स, थर्मामीटर, सेफ्टी पिन, साबुन, चिमटी, लाल दवा, फिटकरी, सेनीटाइजर रहेगा।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा की ओर से निर्देश दिए गए हैं। आदेश के पालन के लिए इस संबंध में विद्यालय में व्यवस्था करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। सभी खंड शिक्षा अधिकारियों से भी कहा गया है कि स्कूलों में किट को रखवाया जाए।
-दिनेश कुमार, बीएसए