डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन (डीएलएड) सेमेस्टर की परीक्षा में मऊ और गाजीपुर के एक-एक केंद्र पर बोलकर नकल कराए जाने के मामले में वहां के पर्यवेक्षक एवं निगरानी दल की कार्यशैली पर भी प्रश्न उठ रहे हैं। सामूहिक नकल का यह मामला परीक्षा वर्ष 2024 के दौरान गणित और विज्ञान विषय की परीक्षा में आया है, जिसका परीक्षाफल रोक दिया गया है। दोनों केंद्रों की परीक्षा के मामले में अंतिम निर्णय परीक्षा नियामक समिति की बैठक में लिया जाएगा, लेकिन निगरानी तंत्र भी कठघरे में है।
डीएलएड प्रथम एवं तृतीय सेमेस्टर की परीक्षाएं आठ से 14 अगस्त तक प्रदेश भर में कराई गई थीं। मऊ जिले के एक केंद्र की उत्तरपुस्तिकाओं का बंडल 10 दिन बाद मूल्यांकन के लिए भेजा गया। तो उप्र परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्राचार्य से पूछताछ की तो बताया गया कि एक बंडल छूट गया था।