लखनऊ। प्रदेश के उच्च प्राथमिक, कंपोजिट और पीएम श्री विद्यालयों को कौशल केंद्र के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया शुरू हुई है। इसमें पायलट प्रोजेक्ट के लिए चयनित 2402 शिक्षकों राजधानी में प्रशिक्षण दिया गया। शनिवार को समापन कार्यक्रम में महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने शिक्षकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सरकार की यह
पहल विद्यार्थियों के भविष्य को
आत्मनिर्भर बनाने में सहायक होगी। यह प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को एक नई दिशा देगी। इसमें शिक्षकों को 'लर्निंग बाई डुइंग' के सिद्धांत पर प्रशिक्षण दिया गया है। ताकि वह इसे करके बेहतर तरीके से समझ सकते हैं। आगे वह विद्यालयों में भी इस प्रयोग को उपयोगी बनाएंगे। वहीं परिवहन विभाग के अपर
मुख्य सचिव वेंकटेश्वर लू ने कहा कि स्थानीय स्तर पर इस तरह की तकनीकी से बच्चों के कौशल विकास की जरूरत है। इससे उनके अंदर आत्मविश्वास बढ़ेगा। वरिष्ठ विशेषज्ञ माधवजी तिवारी ने बताया कि प्रशिक्षण में 1772 उच्च प्राथमिक व कंपोजिट, 570 पीएम श्री विद्यालय और 60 पायलट प्रोजेक्ट से चयनित विज्ञान और गणित के शिक्षक शामिल हैं। कार्यक्रम में अपर निदेशक बीडी चौधरी, डॉ. फैजान इनाम, रंजीत सिंह आदि उपस्थित थे।