न्यायिक सुधारों व बेबाक अंदाज के लिए जाने जाएंगे चंद्रचूड़

 नई दिल्ली । दो साल से अधिक समय तक भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ अपने बेबाक अंदाज, न्यायिक सुधारों, राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक समेत कई महत्वपूर्ण फैसलों के लिए जाने जाएंगे। चंद्रचूड़ 10 नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे। दो दिन सुप्रीम कोर्ट में छुट्टी होने के कारण शुक्रवार को ही उनका कार्यकाल खत्म हो गया।



न्यायिक सुधारों को गति दी सीजेआई चंद्रचूड़ ने शुरू से ही न्यायिक सुधारों को गति देने और अदालतों में लंबित मुकदमे खत्म करने के लिए तकनीक,संसाधनों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया।


सुनवाई का सीधा प्रसारण सीजेआई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट में मुकदमों की सुनवाई का सीधा प्रसारण, मुकदमों की निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट में वाररूम, राष्ट्रीय न्यायिक संग्रहालय स्थापित किया।


निजता और आधार के मुद्दे पर फैसला


सुप्रीम कोर्ट के 9 जजों की संविधान पीठ 2017 में निजता और आधार से जुड़े मसले पर अपना फैसला देते हुए ‘निजता’ को मौलिक अधिकार दिया। इस पीठ में जस्टिस चंद्रचूड़ न सिर्फ शामिल थे, बल्कि यह ऐतिहासिक फैसला भी उन्होंने ही लिखा था।


अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद


सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संविधान पीठ ने नवंबर, 2019 में दशकों से चली आ रही अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद को लेकर फैसला दिया था। संविधान पीठ में जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ भी शामिल थे। करीब 200 साल पुराना विवाद हिन्दुत्व की पहचान बन गया।


सीजेआई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली 5 जजों की संविधान पीठ ने राजनीति में काले धन पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार की चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया। इसके अलावा राजनीतिक दलों को चंदा देने वाली कंपनियों के नाम भी सार्वजनिक करने को आदेश दिया।


अनुच्छेद-370 केंद्र के फैसले को सही ठहराया


5 जजों की संविधान पीठ ने अनुच्छेद-370 मामले में 11 दिसंबर 2023 को केंद्र के निर्णय को सही ठहराया। सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 खत्म कर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया।


दिल्ली और केंद्र के बीच अधिकारों पर फैसला


दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच अधिकारों को लेकर जारी विवाद पर 5 जजों की संविधान पीठ ने फैसला दिया था। फैसले में कहा गया था कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार को विधायी और कार्यकारी शक्तियों से वंचित नहीं किया जा सकता।


पिता के एक फैसले को पलटने में शामिल रहे


सुप्रीम कोर्ट के 9 जजों की पीठ ने 2017 में एडीएम जबलपुर मामले में 1976 के फैसले को पलट दिया था। इस मामले में डी.वाई. चंद्रचूड़ के पिता जस्टिस वाई.वी.चंद्रचूड़ की पीठ ने फैसला दिया था।


रसोइये की बेटी को सम्मानित किया


सबरीमाला मंदिर प्रवेश मामला


जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ वाली पीठ ने अप्रैल, 2022 में महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश के अधिकार को लेकर फैसला दिया।


जस्टिस चंद्रचूड़ ने इसी साल सुप्रीम कोर्ट के एक रसोइये अजय कुमार सामल की बेटी को छात्रवृति मिलने पर सम्मानित किया था।