चयनित बीएड अभ्यर्थी बड़े dilemma में हैं कि किसका साथ दें क्योंकि उन्हें याची बनाने वाले अब अपने घर में बैठ गए हैं और सबकुछ इस बात पर छोड़ दिया है कि चयनित का कुछ नही हो सकता है।
इस भर्ती के लिए अब से नही वर्ष 2015 से कार्य किया वो तो ईश्वर सीधे थे कि उसी वक़्त संघर्ष जो कर रहे थे उन्हें कोर्ट ने नियुक्ति दे दी लेकिन फिर भी इस भर्ती जिसमें बीएड को मौक़ा मिला बेहद क़रीब से देखा और जो ग़लत था समय समय पर उसके लिए सचेत भी किया और सही को सही और ग़लत को ग़लत कहना कहीं का गुनाह नही है।
जो वाक़ई पात्र हैं उन्हें उनका हक़ मिलना चाहिए लेकिन जो नियुक्त हो चुके हैं उनकी क्या ग़लती है? इसी बात को लेकर रवि सक्सेना जो कि अब से नही 72825 भर्ती से संघर्षत साथी हैं सलाह मशविरा हुआ और हर सम्भव लीगल मदद का आश्वासन दिया और उसी का परिणाम है कि मुख्य याचिका उनकी ही है और उनके ही अधिवक्ता प्रशांत जी को समस्त लेखे जोखे की कमान दी गई है।
BTC वालों के लिए एक मात्र व्यक्ति हमेशा राघवेंद्र का साथ दिया और आज तक हर क़दम पर उसके साथ हूँ।
जो लोग घर बैठे हैं वे याची तो ज़रूर कहीं न कहीं बन चुके होंगे लेकिन आपकी वास्तविक लड़ाई लड़ कौन रहा है उसको ज़मीन पर देखिए आप कहीं भी याची बने हो लेकिन सहयोग ऐसे को कीजिए जो धरातल पर आपके लिए लड़ रहा हो।
रवि की याचिका अब सभी के लिए अहम है इसका सबसे बड़ा कारण है बीएड के लिए कई मुश्किल खड़ा होना बाक़ी तो जो legality है वो अलग है ही। मेरा सभी से निवेदन है चाहे वो किसी गुट का हो किसी मज़हब जाति का हो बीएड के लिए एक होकर रवि का साथ दीजिए वरना ये जो अलग अलग गुट हैं ये आपको कहीं का नही छोड़ेंगे । हमारे समय में भी इस प्रकार के न जाने कितने समूह बने लेकिन कार्य जो किया वो सभी के समक्ष है कि आज भर्ती आपको मिली है ।
#rana