श्रावस्ती। जिले में वर्ष 2010 के बाद से तैनात शिक्षकों के अभिलेखों का सत्यापन कराने के साथ उनकी जांच कराई जा रही है। इसमें एक के बाद एक खुलासे हुए। अब तक जिले में 44 शिक्षक व प्रधान शिक्षक बर्खास्त किए जा चुके हैं। इनमें से 31 पर एफआईआर कराई गई है जबकि 13 पर एफआईआर की तैयारी है। बर्खास्त शिक्षकों में से अब तक मात्र छह की ही गिरफ्तारी हुई है। शेष फरार हैं।
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बेसिक शिक्षा विभाग में वर्ष 2010 के बाद से तैनात हुए शिक्षकों के अभिलेखों का सत्यापन कराया जा रहा है। इसके साथ ही मानव संपदा पोर्टल पर उनका व उनकी संपत्ति का ब्योरा अपलोड किया जा रहा है। इसके साथ ही इन शिक्षकों की एसआईटी व यूपीएसटीएफ से जांच भी कराई जा रही है। इसके बाद एक के बाद एक खुलासे हुए। इसके बाद 2018 से अब तक 44 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया।
इनमें 28 प्रधान शिक्षक, 16 सहायक शिक्षक शामिल हैं। इनमें से 31 पर एफआईआर कराई जा
चुकी है जबकि 13 शिक्षकों व प्रधान शिक्षकों पर एफआईआर करने की तैयारी की जा रही है। बर्खास्त शिक्षकों में से प्रधान शिक्षक सोमनाथ, कन्हैया सिंह, महेंद्र प्रताप सिंह, सुरेंद्र प्रताप सिंह, सुनील कुमार व अजीत कुमार शुक्ला की गिरफ्तारी हो चुकी है। शेष शिक्षक व प्रधान शिक्षक फरार हैं।
बर्खास्त शिक्षकों में से वर्ष 2018 में तैनात हुई इकौना की प्रीति शर्मा व 2016 में तैनात हुए हरिहरपुर रानी के विजय प्रकाश को एक भी रुपया वेतन नहीं मिला था जबकि शेष से वेतन की वसूली के लिए नोटिस जारी हो चुका है। फिलहाल अब तक किसी से एक भी रुपये की वसूली नहीं हो सकी है। इस बारे में बीएसए अजय कुमार गुप्ता बताते हैं कि पांच वर्तमान व आठ पूर्व शिक्षकों पर अभी एफआईआर नहीं हुई है। इसलिए इनसे वसूली का नोटिस अभी नहीं बना है। शेष को वसूली की नोटिस जारी हो चुका है।