लखनऊ। प्रदेश के 65 हजार से अधिक परिषदीय विद्यालयों के सैकड़ों छात्रों को अगले कुछ वर्षों में सभी आवश्यक और आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। इन विद्यालयों में पठन-पाठन के लिए क्लासरूम, सीट-बेंच, स्मार्ट क्लास, आधुनिक लाइब्रेरी, किचेन-कैंटीन के साथ ही साफ शौचालय व पेयजल आदि की सुविधाएं भी दी जाएंगी। इससे बच्चों के पठन-पाठन के स्तर में बदलाव आएगा।
परिषदीय विद्यालयों में यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत किया जा रहा है। एनईपी के
तहत अगले पांच साल में (2029 तक) प्रदेश के 1.32 लाख में से आधे (65 हजार से अधिक) परिषदीय विद्यालयों को आदर्श विद्यालय के रूप में तैयार किया जाएगा। इसके तहत विद्यालयों में सभी आवश्यक मूलभूत, आधुनिक सुविधाओं के साथ बच्चों को बेहतर शैक्षिक वातावरण भी देने
का प्रयास किया जाएगा।
इन स्कूलों में खेल के मैदान बेहतर किए जाएंगे और इन्हें पर्यावरण की दृष्टि से भी हरा-भरा बनाया जाएगा। इन स्कूलों में अगर शिक्षकों की कमी है तो उसको भी पूरा किया जाएगा। विभाग की ओर से ऐसे स्कूलों को चिह्नित करने और उनकी आवश्यकताओं के अनुसार आंगणन तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
इन विद्यालयों को आदर्श बनाने का उद्देश्य यह है कि बच्चों को स्कूलों में सुरक्षित, तनावमुक्त और खुशहाल माहौल दिया जाए, ताकि वह स्कूल आने में हिचकें नहीं और स्कूलों में आने पर उन्हें सीखने के बेहतर अवसर मिले।