12 शिक्षकों के मोबाइल हुए हैक📲 व्हाट्सएप ग्रुप में आई एपीके फाइल, विभागीय आदेश समझकर खोल ली थी


12 शिक्षकों के मोबाइल हुए हैक


व्हाट्सएप ग्रुप में आई एपीके फाइल, विभागीय आदेश समझकर खोल ली थी



फिरोजाबाद। ऑनलाइन ठगी करने वाले अब परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को निशाना बना रहे हैं। शिक्षक ज्यादातर विभागीय कार्य मोबाइल पर करते हैं।

साथ ही विभागीय आदेश समझकर लिंक को खोलकर जरूर देखते हैं। बुधवार को शाम शिक्षकों के कई व्हाट्सएप ग्रुपों पर एक एंड्रायड एप्लीकेशन किट (एपीके फाइल) आई।

जिस पर क्लिक करते ही 12 शिक्षकों के मोबाइल हैक हो गए। मोबाइल में फीड अन्य नंबरों पर भी वह फाइल स्वतः ही जाने लगी। बिना उपयोग किए मोबाइल खुद चलने लगा।

शिक्षक मोबाइल की दुकानों पर पहुंचे और ठीक कराया। शिक्षकों ने पुलिस से इस संबंध में शिकायत नहीं की है।
बेसिक शिक्षा विभाग की सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए शिक्षकों ने व्हाट्सएप ग्रुप बना रखा है। इसी ग्रुप में एक शिक्षक के नंबर से फाइल आई।

शिक्षकों ने उसे आदेश समझकर खोला, वैसे ही मोबाइल हैक हो गए। जिस शिक्षक का मोबाइल हैक हुआ, उस नंबर से अन्य व्हाट्सएप ग्रुपों पर वह फाइल जानी लगी.


इस तरह कुछ ही मिनटों में 12 शिक्षकों के मोबाइल हैक गए। शिक्षकों के मोवाइल हैक गए। होश तो शिक्षकों के तब उड़ गए, जब शिक्षकों के मोबाइल में बैंक अकाउंट की पूरी जानकारी मोोबइल में थी। व्हाट्सएप ग्रुप पर देर रात तक हलचल बनी रही। ब्लॉक अरांव कंपोजिट विद्यालय राहतपुर के शिक्षक आशीष कुमार ने बताया कि उनके पास कोई एक एपीके फाइल आई तो उन्होंने उसे पर्सनल या विभागीय मैसेज समझ कर खोल लिया। उनका फोन हैक हो गया।

उनके फोन से ब्लॉक अरांव के जितने भी व्हाट्सएप विभागीय ग्रुप व शिक्षक जुड़े थे, उनके नंबर पर स्वतः ही वह फाइल फॉरवर्ड होनी लगी।


ऐसी फाइल कभी नहीं करें डाउनलोड

आईटी एक्सपर्ट अंकित कुशवाह ने बताया कि ने बताया कि मोबाइल फोन पर अज्ञात नंबर अथवा ग्रुप में एपीके फाइल बैंक अथवा आधार कार्ड अपडेट करने के नाम से कोई फाइल आए, तो उसे भूलकर भी डाउनलोड नहीं करना चाहिए। वरना, इसके माध्यम से जालसाज के पास पूरी जानकारी पहुंच जाएगी और इसकी भनक मोबाइल फोन प्रयोग करने वाले को लगेगी भी नहीं।


ये सावधानी रखें

■ फोन में ऑटोमेटिक डाउनलोड ऑप्शन को बंद करके रखें।

■ किसी अनजान लिंक को न खोलें।

■ वाट्सएप को हमेशा टू स्टेप वेरिफिकेशन पर करके ही रखें।

■ डाउनलोडिंग हो जाए तो तत्काल साइबर क्राइम नंबर 1930 पर सूचना दें।



हम शिक्षकों को लगातार जागरूक करते हैं कि वह साइबर अटैक से बचें। इसलिए किसी भी प्रकार का लिंक और फाइल खोलने से पहले शिक्षक अच्छे
से जांच पर परख करें।
आशीष पांडेय, वीएसए

वायरस युक्त फाइल आने से मोबाइल फोन हैक हो जाते हैं। साइबर ठग इससे ठगी का शिकार भी बना सकते हैं। समय रहते शिकायत करने पर समस्या का निराकरण किया जाता है।
- जितेंद्र द्विवेदी, साइबर सेल प्रभारी