महराजगंज। कूटरचित दस्तावेजों के सहारे बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी कर चुके 11 शिक्षकों की मुश्किल विभाग ने बढ़ा दी है। बर्खास्त शिक्षकों के खिलाफ सदर कोतवाली में धोखाधड़ी अधिनियम 2006 व अन्य धाराओं में अभियोग पंजीकृत विवेचना शुरू कर दी गई है। केस खंड शिक्षा अधिकारियों की तहरीर पर दर्ज किया गया है.
वर्ष 2022 से लेकर अबतक जनपद में बर्खास्त हुए इन शिक्षकों पर विभाग ने धोखाधड़ी का आरोप लगाया है।
सदर बीईओ अंकिता सिंह ने कोतवाली में तहरीर देकर शनिवार को आरोप लगाया कि पड़री बुजुर्ग में तैनात सुमन यादव ने टेट की फर्जी डिग्री लगाकर सहायक शिक्षक की नौकरी प्राप्त कर ली। वर्ष 2016 से वह गलत प्रमाणपत्र लगाकर विभाग की नौकरी कर रही थी। पिछले दिनों बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बर्खास्त किया गया। विभाग की आंखों में धूल झोंक वेतन प्राप्त किया। इस कृत्य से विभाग की छवि खराब हुई व वेतन के रूप में आर्थिक नुकसान भी हुआ। ऐसे में केस दर्ज किया जाए।
इसी प्रकार परतावल बीईओ मुसाफिर पटेल ने प्राथमिक स्कूल बैजौली से बर्खास्त हुए दिनेश सिंह व प्राथमिक स्कूल धनगढ़ा में तैनात राजकुमार यादव के खिलाफ धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए तहरीर दी। उक्त दोनों शिक्षक भी फर्जी दस्तावेज के सहारे नौकरी करने के मामले में वर्ष 2022-2023 में बर्खास्त हो चुके हैं। इसी प्रकार सिसवां के बीईओ वंशीधर सिंह ने कोठीभार थाने में बर्खास्त शिक्षक जयप्रकाश पांडेय व उस्मान गनी के खिलाफ तो पनियरा के बीईओ शिवकुमार ने पनियरा थाने में बर्खास्त शिक्षक प्रेमचंद्र शुक्ला के खिलाफ धोखाधड़ी की तहरीर दी है। दोनों ने बताया कि सदर से उन्हें अपने थानाक्षेत्र में मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया गया, इसलिए बीआरसी के निकटतम थाने में धोखाधड़ी की तहरीर दी है। कोठीभार एसओ अखिलेश सिंह व पनियरा एसओ ने बताया कि तहरीर दी गई है तो केस दर्ज किया जाएगा।