मिर्जापुर। जिले के 138 विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों का वेतन रोक दिया गया है। वेतन रोके जाने के संबंध में मंगलवार काे बीएसए अनिल कुमार वर्मा ने आदेश जारी किया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि शिक्षक प्रयास कर विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाएं। विद्यालयों में बच्चों की कम उपस्थिति पर मुख्यमंत्री डैश बोर्ड पर जिले को सी श्रेणी प्राप्त हुई है।
मध्याह्न भोजन के पोर्टल से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के 138 विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति 65 प्रतिशत से भी कम है, जबकि शासन स्तर से जारी दिशा-निर्देश में सभी विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को मार्च 2025 तक निपुण किया जाना है। साथ ही हर माह मुख्यमंत्री डैश बोर्ड पर छात्र उपस्थिति व मध्याह्न भोजन की समीक्षा भी की जाती है। इसके आधार पर जिले की रैंकिंग निर्धारित की जाती है। अगस्त माह में मध्याह्न भोजन व छात्रों की उपस्थिति कम होने के कारण जिले को सी श्रेणी मिली है। विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति कम होने के कारण निपुण लक्ष्य की प्राप्ति में अवरोध पैदा हो रहा है। उधर, जिन विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना के तहत मध्याह्न भोजन की व्यवस्था है, वहां प्रतिदिन औसत छात्र उपस्थिति 80 प्रतिशत किए जाने के निर्देश हैं। मध्याह्न भोजन योजना से संचालित ऐसे 138 विद्यालयों, जिनकी सितंबर माह (एक से 23 सितंबर तक) में औसत उपस्थिति 65 प्रतिशत से कम है, वहां के प्रधानाध्यापकों व प्रभारी प्रधानाध्यापकों का वेतन छात्रों की उपस्थिति बेहतर होने तक रोक दिया गया है। खंड शिक्षा अधिकारियों से कहा गया है कि वे अपने स्तर से संबंधित विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों और प्रभारी प्रधानाध्यापकों के साथ ही संबंधित कक्षाओं के कक्ष अध्यापकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर प्रतिदिन न्यूनतम 80 प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति कराना सुनिश्चित कराएं। इसके साथ ही चेतावनी दी गई है कि जिस कक्षा में नामांकन की तुलना में 80 प्रतिशत से कम उपस्थिति मिलेगी, संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। खंड शिक्षा अधिकारियों काे भी उत्तरदायित्व निर्धारित करने की चेतावनी दी गई है। बीएसए अनिल कुमार वर्मा ने बताया कि कम उपस्थिति वाले विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों का वेतन रोके जाने के संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। उसमें बच्चों की उपस्थिति में सुधार लेने के निर्देश भी दिए गए हैं।