प्रयागराज: बेसिक शिक्षा परिषद की गलती से सहायक अध्यापिका को अदालत के चक्कर काटने पड़े. हालांकि हाईकोर्ट में याचिका दाखिल होने के बाद परिषद को अपनी गलती का एहसास हुआ. उसने भूल सुधारते हुए शिक्षिका के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण का आदेश पारित कर दिया. बहराइच में कार्यरत सहायक अध्यापिका सलोनी सिंह की याचिका पर न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने सुनवाई की.
👉 प्रभारी को प्रधानाध्यापक का वेतन देने के साथ साथ एरियर देने का आदेश हुआ जारी....यह भी पढ़ें
याची के अधिवक्ता नवीन कुमार शर्मा ने बताया कि सलोनी सिंह ने बहराइच से बदायूं अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए आवेदन किया था. उसके आवेदन में दिए गए कारणों के आधार पर उसे 27 वेटेज अंक मिलने चाहिए थे. मगर परिषद ने 17 अंक ही दिए थे. इस पर हाईकोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज से जवाब मांगा.
👉 शिक्षामित्रों को सरकार देने जा रही सौगात : वरिष्ठ उपाध्यक्ष....यह भी पढ़ें
सचिन ने हलफनामा दाखिल कर स्वीकार किया कि वेटेज अंक की गणना करने में उनसे गलती हुई है और यांची 27 अंक पाने की हकदार है. चूंकि अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए न्यूनतम कट ऑफ 22 अंक ही है. इसलिए परिषद की ओर से कहा गया कि मामले को बेसिक शिक्षा निदेशक की निगरानी में गठित कमेटी के समक्ष भेज दिया गया है.
कमेटी जल्द ही इस पर अंतिम निर्णय ले लेगी. इस पर कोर्ट ने परिषद को चार सप्ताह का समय दिया था. इस आदेश के बाद बेसिक शिक्षा परिषद सचिव ने न्यायालय को अवगत कराया कि याची के स्थानांतरण का आदेश जारी कर दिया गया है. इस पर कोर्ट ने अविलंब उस आदेश का पालन करने का निर्देश दिया है.