कस्तूरबा स्कूल की छात्राओं की सेहत में सुधार

 कस्तूरबा स्कूल की छात्राओं की सेहत में सुधार

इटौंजा, । बीकेटी के कुम्हरांवा स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में शनिवार रात खाना खाने के बाद बीमार हुईं छात्राओं की सेहत में सुधार है। रविवार सुबह राम सागर मिश्रा अस्पताल से सभी 16 छात्राओं को डिस्चार्ज कर दिया गया। एफएसडीए की टीम जांच की तो पता चला कि रात में राजमा चावल परोसा गया था। टीम ने यहां से खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए हैं। समग्र शिक्षा के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. मुकेश सिंह ने भी स्कूल पहुंचकर घटना की जांच की।

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राजमा-चावल व प्रयोग मसाले के लिये नमूने एफएसडीए की टीम ने रविवार को स्कूल का दौरा कर खाने के सैंपल की जांच की। एफएसडीए अधिकारियों की टीम रविवार की दोपहर कस्तूरबा स्कूल पहुंची। यहां के किचन व स्टोर में रखे गए राजमा, सब्जी, मसाला, चावल, बेसन आदि का सैंपल लिया और जांच के लिए लैब भेजा।


अभिभावकों ने जतायी नाराजगी बच्चों के बीमार होने की सूचना पर कई अभिभावक स्कूल पहुंच गए। गेट पर ताला लगा था और किसी को मिलने नहीं दिए जाने पर हंगामा खड़ा हो गया। अभिभावकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। कर्मचारियों ने बताया कि उसी वक्त शिक्षा विभाग और एफएसडीए के अधिकारी जांच कर रहे थे।इस नाते अभिभावकों को रोका गया था। कुछ देर बाद अभिभावकों ने छात्राओं से भेंट की। डिप्टी डायरेक्टर और बीईओ प्रीति शुक्ला ने अभिभावक से वार्ता की। इन्हें बताया कि घबराएं नहीं छात्राओं को पूरा ख्याल रखा जा रहा है।

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छात्राओं को दी गई थी आयरन की गोली विद्यालय की छात्राओं को शनिवार शाम नाश्ते के बाद आयरन की गोली दी गई थी। स्कूल में कक्षा छह से आठ तक 85 छात्राएं पंजीकृत हैं। अधिकारियों का कहना है कि छात्राओं ने राजमा चावल खाया था। यदि खाने में कोई दिक्कत होती तो सभी छात्राएं बीमार होती। आशंका जताई जा रही है कि आयरन की गोली की वजह से छात्राएं बीमार हुईं। सीएचसी इटौंजा के डॉ. सचिन देव ने टीम के साथ पहुंच कर छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण कर कुछ दवाएं दी।


जांच अधिकारियों के रजिस्टर में नहीं मिले हस्ताक्षर

कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में निरीक्षण करने पहुंचे अधिकारियों को जांच में पता चला कि जिला समन्वयक (डीसी) विद्यालय आते ही नहीं हैं। निरीक्षण रजिस्टर पर उनके हस्ताक्षर नहीं हैं। डीसी की ही जिम्मेदारी होती है कि वह स्कूलों में जाकर छात्राओं के भोजन से लेकर, सेहत, पढ़ाई व अन्य की पड़ताल करें। शहर के आठ ब्लॉक में आठ कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय हैं।


अस्पताल में भर्ती छात्राएं सुबह छात्रावास आ गईं। खाने में कोई दिक्कत होती तो अन्य छात्राओं को कोई समस्या होती है। -डॉ. मुकेश कुमार सिंह, डिप्टी डायरेक्टर, समग्र शिक्षा