10 October 2024

माध्यमिक के अधिकारियों का काम निपटा रहे बाबू




लखनऊ। माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारी अपना काम खुद न करके अपने अधीनस्थों व बाबुओं से निपटवा रहे हैं। इतना ही नहीं यह भी देखने में आया है कि कई महत्वपूर्ण प्रकरणों में वह खुद सुनवाई न करके मातहतों से करवाते हैं। इसके बाद फाइल पर निस्तारण दिखाया जा रहा है।


इस तरह के मामले संज्ञान में आने पर माध्यमिक शिक्षा
निदेशालय ने जिला व मंडल स्तरीय अधिकारियों को चेतावनी जारी की है। निदेशालय ने कहा है कि अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों से संबंधित प्रकरणों के निस्तारण में वादी-प्रतिवादी का पक्ष लेने काम खुद न करके अधीनस्थ अधिकारियों व कार्यालय सहायकों आदि के द्वारा किया जा रहा है।

इसी तरह न्यायालय से संबंधित प्रकरणों में भी सुनवाई सक्षम स्तर पर न करके, किसी अन्य अधिकारी द्वारा किया जाता है। यह व्यवस्था शासन के निर्देशों की अवहेलना है। उन्होंने सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक, मंडलीय उप शिक्षा निदेशक व डीआईओएस को पत्र भेजकर इस व्यवस्था में सुधार करने व प्रकरणों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के निर्देश दिए हैं।

वहीं, उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ (चंदेल गुट) के प्रदेश मंत्री संजय द्विवेदी ने कहा है कि माध्यमिक के अधिकारी गुण-दोष के आधार पर समस्याओं का निस्तारण न करके सुविधा शुल्क की लालच में पक्षकार बनकर निर्णय करते हैं। इससे समस्याओं का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ (पांडेय गुट) के ओम प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि सक्षम अधिकारियों द्वारा स्वयं दोनों पक्षों को न सुनने से शिक्षकों के साथ अन्याय होता रहा है। मामले न्यायालयों में जाते हैं। अब इसमें सुधार की उम्मीद है