कलंकित हुआ राष्ट्रीय फलक पर चमकने वाला संविलियन स्कूल


गजरौला गांव सुल्तानठेर स्थित संविलियन विद्यालय वर्ष 2012 में राष्ट्र और 2018 में प्रदेश स्तर पर चमका था। मंगलवार को विद्यालय के दामन पर ऐसा दाग लगा जो कभी नहीं धुलेगा।




शहर से लगभग सात-आठ किमी दूर बसे इस गांव का नाम 2012 में उस समय काफी चर्चित हुआ जब यहां के विद्यालय में कार्यरत रहे चौ. चंद्रपाल सिंह को शिक्षक दिवस पर दिल्ली में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने सम्मानित किया था। उनके समय पर स्कूल का स्टेटस अलग ही था। बच्चों के लिए अलग व्यवस्थाएं थीं। फिर वे सेवानिवृत्त हुए और इंचार्ज अध्यापक बने राघवेंद्र सिंह। इन्हें भी 2018 में राज्य शिक्षक पुरस्कार से नवाजा गया है। इसके बाद विद्यालय की प्रगति को नजर लग गई और

सबकुछ बिखरता चला गया। खास बात यह है कि जो, विद्यालय अपनी पहचान राष्ट्र व प्रदेश स्तर पर आदर्श वाली बना चुका हो अब उसी विद्यालय में शिक्षकों के उत्पीड़न से दुखी होकर प्रधानाध्यापक ने खुदकुशी कर ली। यह बात कलंकित करने से कम नहीं है। इतना ही नहीं गांव की दुर्दशा को देखकर हर कोई दंग रह गया। जो, रास्ता स्कूल को जा रहा है वहां गंदगी का अंबार है। सड़क गायब है और गंदा पानी भरा हुआ है। कक्षाओं की छत टपकती हैं। गांव का पानी विद्यालय में भरता है। सफाई कर्मी भी नहीं है। बीडीओ अरुण कुमार ने बताया कि जिस सड़क पर जलभराव है वो, लोकनिर्माण विभाग के अधीन है। उसे बनवाने के लिए पत्राचार किया गया है।