प्रदेश में समाज कल्याण एवं जनजातीय विकास विभाग की ओर से संचालित जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालयों की संख्या 94 से बढ़कर 100 हो गई है। इन विद्यालयों में निशुल्क शिक्षा, छात्रावास, पाठ्य सामग्री और यूनिफॉर्म की सुविधा भी दी जा रही है। इन विद्यालयों में राज्य सरकार की सेवा से सेवानिवृत 570 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया भी चल रही है, ताकि उच्च गुणवत्ता की शिक्षा छात्रों को दी जा सके।
इन शिक्षकों में जो टीजीटी (प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक) कक्षा 6 से 10 तक पढ़ाते हैं, उनके लिए मानदेय 34,125 रुपये और पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर) जो कक्षा 11 से 12 तक पढ़ाते हैं, उनके लिए 35,700 रुपये का मानदेय निर्धारित किया गया है। जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालयों में 60
प्रतिशत स्थान अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों के लिए, 25 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों और 15 प्रतिशत सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए आरक्षित है। वर्तमान में 58 जिलों में कुल 100 सर्वोदय विद्यालय संचालित हो रहे हैं, जिसमें 31 सर्वोदय बालिका विद्यालय और 69 सर्वोदय बालक विद्यालय शामिल हैं। इनमें से 45 विद्यालयों में आवासीय सुविधाओं का विस्तार भी किया जा रहा है।
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छात्रों की संख्या में साल दर साल बढ़ोतरी:
पिछले कुछ वर्षों में सरकार की इस योजना के चलते छात्रों की संख्या में साल दर साल बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2018-19 में जहां यह संख्या 32429 थी, वहीं 2024-25 में यह बढ़कर 35000 से अधिक हो चुकी है। प्रदेश में सर्वोदय आवासीय विद्यालयों की संख्या अब 100 तक पहुंच गई है, जिसमें हाल ही में छह नए विद्यालय खोले गए हैं