संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आय, जाति के बंधन की सीमा हटाकर संस्कृत विद्यालयों में पढ़ाई कर रहे मेधावी सभी छात्र- छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी से छात्रवृत्ति का शुभारंभ किया था। उसके बाद सभी जनपदों (विधानसभा उपचुनाव वाले नौ जनपदों को छोड़कर) में जिला विद्यालय निरीक्षकों के माध्यम से 69,195 छात्र-छात्राओं के बैंक खाते में छात्रवृत्ति की धनराशि भेजी गई। जो छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने से वंचित रह गए थे, उन्हें अवसर देते हुए माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. महेंद्र देव ने आफलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि आठ नवंबर कर दी है।
उप शिक्षा निदेशक संस्कृत रामाज्ञा कुमार के अनुसार न्यूनतम 50 प्रतिशत प्राप्तांक और 75 प्रतिशत उपस्थिति वाले सभी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है।
प्रथम किस्त की छात्रवृत्ति के लिए 5.86 करोड़ रुपये जनपदों के अवमुक्त किए जा चुके हैं। जिला विद्यालय निरीक्षकों से वितरित की गई छात्रवृत्ति का विवरण जुटाया जा रहा है। इसके अलावा जो मेधावी छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने से वंचित रह गए थे, उनके आवेदन लेकर जांच प्रक्रिया के बाद 20 नवंबर से पूर्व उनके खाते में भी छात्रवृत्ति प्रेषित की जाएगी। इसके लिए निरीक्षक संस्कृत पाठशालाएं, प्रयागराज पवन कुमार श्रीवास्तव को नोडल अधिकारी बनाया गया है। जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि बढ़ी तिथि के क्रम में कार्यवाही पूर्ण कराते हुए निर्धारित तिथि तक संबंधित विद्यार्थियों के खाते में छात्रवृत्ति की धनराशि भेजा जाना सुनिश्चित करें।