पिता पेंशनभोगी, तब भी शिक्षक मां की मौत पर बेटी अनुकंपा नियुक्ति की हकदार : हाईकोर्ट
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि पिता पेंशनभोगी है, तब भी सहायक अध्यापक मामला के पद पर कार्यरत मां की मौत पर बेटी अनुकंपा नियुक्ति की हकदार है। कोर्ट ने यह टिप्पणी कर मुरादाबाद के बीएसए के आदेश को रद्द कर छह सप्ताह के भीतर नया पारित करने के लिए कहा है।
यह आदेश प्रकाश पाडिया की अदालत ने मुरादाबाद की फरहा नसीम की याचिका पर दिया। दो नवंबर 2023 को सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत रहीं नसीम की मां
शहाना बी की मौत हो गई थी। नसीम ने बीएसए के समक्ष अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया। नसीम की बहनें सहायक शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं।
वहीं, पिता सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन प्राप्त कर रहे हैं। ऐसे में याची को कोई वित्तीय संकट नहीं है। इन्हीं दो बिंदुओं को आधार बना बीएसए के 12 जून 2024 के आदेश से अनुकंपा नियुक्ति के आवेदन को खारिज कर दिया गया। इसके बाद
याची ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी। याची के वकील कमल कुमार केशरवानी ने दलील दी कि बीएसए का आदेश अवैध है। याची की बहनों की शादी मां की मृत्यु से पहले हो चुकी है। बहनें कहीं काम कर रही हैं तो इससे अनुकंपा नियुक्ति से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
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कोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता की अनुकंपा नियुक्ति का दावा जिन दो आधारों पर खारिज किया गया, वह कानून की नजर में टिकाऊ नहीं हैं। कोर्ट ने मुरादाबाद के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के आदेश को रद्द कर दिया। कहा- छह सप्ताह के भीतर नया आदेश पारित करें।