बदायूं । नगर क्षेत्र के मोहल्ला नारायण गंज, मिल कंपाउंड, पंजाबी कालोनी, साहूकारा, बिल्सी रोड,पंखा रोड, बाजारकंला, आदि स्थानों पर खुलेआम ट्यूशन के अड्डे खुले हुए हैं । सरकारी स्कूल, कालेज के शिक्षक जोर जबरदस्ती करते हुए बच्चों को प्रताड़ित कर ट्यूशन के लिए मजबूर करते है। सबसे बुरा हाल सरकारी अध्यापकों का है जो सरकार से पगार लेते हैं 80 से ₹90000 तक उसके बाद भी छात्र को फेल करने के नाम पर ट्यूशन पढ़ने को मजबूर करते हैं।
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ट्यूशन प्रथा कई वर्षों से लगातार चली आ रही है। जबकि नियम अनुसार कोई भी सरकारी अध्यापक ट्यूशन नहीं पढ़ा सकता, लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री की नजरें इनायत हो जाऐ तो अभिभावकों को इन ट्यूशन खोर शिक्षकों से छुटकारा मिल जाए। बताते हैं कि शिक्षक बच्चों को क्लास के अंदर डरा धमका कर एवं फेल करने की धमकी देते हुए उन्हें ट्यूशन पढाकर आर्थिक उत्पीड़न कर रहे हैं । बच्चे मजबूर होकर ट्यूशन के लिए विवश हो जाते हैं।
इसी तरह के कई मामले पहले भी नगर में उजागर होते रहे हैं। मगर शिक्षा विभाग आंखें बंद करे बैठा है । ट्यूशन खोर शिक्षकों द्वारा बच्चों का इतना उत्पीड़न किया जाता है कि उनके अभिभावक भी चुप्पी साधे रहते है, कारण है अभिभावकों की आर्थिक स्थिति सही ना होने पर बच्चों को इन्ही सरकारी कालेजों में ही पढ़ाना है। कॉलेज के अध्यापक मनचाहे तरीके से बच्चों को गुमराह कर ट्यूशन खोरी का खेल कर रहे हैं।
लोगों ने जिलाधिकारी से मांग की है कि ऐसे ट्यूशन खोर शिक्षकों पर विभाग द्वारा कार्यवाही कराऐ, जिससे जनमानस को बच्चों को पढ़ाने में सहूलियत हो, अगर उनके पास पैसा हो तो वह भी प्राईवेट स्कूल कालेज में अपने बच्चों को पढा सकते हैं।
राजेश वार्ष्णेय एमके।