प्रयागराज। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रमों में कई बदलाव की तैयारी चल रही है। विषयों की संख्या बढ़ने के साथ ही मूल्यांकन के तरीकों में भी बदलाव किया जाएगा। इसके अलावा अंक पत्रों में भी बदलाव होगा।
पाठ्यक्रम बदलने के बाद जो अंक पत्र मिलेगा, उसमें ग्रेडिंग और क्रेडिट का भी उल्लेख होगा।
नई शिक्षा नीति-2020 तैयार है, लेकिन किसी भी राज्य में अब तक
इसे लागू नहीं किया गया है। हर राज्य में लागू करने के लिए मंथन चल रहा है। उसी क्रम में यूपी बोर्ड भी मंथन कर रहा है। इसके लिए 13 और 14 अगस्त को यूपी बोर्ड की एक कार्यशाला हो चुकी है।
इसमें हाईस्कूल में 10 और इंटरमीडिएट में सात विषय पढ़ाने को लेकर चर्चा हुई थी। इसके
अलावा व्यावसायिक कोर्स पढ़ाने पर जोर दिया गया था। व्यावसायिक शिक्षा से रोजगार की संभावना बढ़ेगी। इसलिए इसे छठवीं से पढ़ाने की तैयारी है।
पाठ्यक्रम के बाद कॉपियों के मूल्यांकन और अंक पत्र में बदलाव को लेकर 17 से 19 अक्तूबर तक कार्यशाला होनी थी, जो अब 28 और 29 अक्तूबर को होगी।
अब 28 और 29 अक्तूबर को होगी कार्यशाला
पाठ्यक्रम में बदलाव को लेकर 17 से 19 अक्तूबर तक होने वाली कार्यशाला में सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन अशोक गांगुली और पूर्व परीक्षा नियंत्रक पवनेश कुमार को आना था। किसी कारणवश वह इन तिथियों पर नहीं आ पाएंगे, इसलिए अगली तिथि निर्धारित की गई है। यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने बताया कि अब यह कार्यशाला 28 और 29 अक्तूबर को होगी। सीमैट के सभागार में यह कार्यशाला होगी। इसमें मूल्यांकन प्रणाली और अंक निर्धारण पर चर्चा की जाएगी।