थोड़े में हिम्मत न हारी, शिक्षामित्र ‘रोजी’ बन गईं खंड शिक्षा अधिकारी


थोड़े में हिम्मत न हारी, शिक्षामित्र ‘रोजी’ बन गईं खंड शिक्षा अधिकारी

 थोड़े में हिम्मत न हारी, शिक्षामित्र ‘रोजी’ बन गईं खंड शिक्षा अधिकारी

गैसड़ी (वलरामपुर): 'मंजिले उन्हीं को मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है।' यह पंक्तियां गैंसड़ी के सिंहमुहानी गांव की रहने वाली रोजी सिंह पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं। कभी बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षामित्र के रूप तैनात थीं। किसी को नहीं मालूम था कि एक दिन इसी विभाग में खंड शिक्षा अधिकारी बनने का गौरव हासिल होगा।