संस्कृत में शोध करने वाले छात्रों को भी तीन साल तक छात्रवृत्ति दी जाएगी। सीएम ने संस्कृत महाविद्यालय में रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरने की घोषणा की। स्थायी शिक्षक मिलने तक मानदेय वाले शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि संस्कृत को केवल धार्मिक भाषा नहीं बल्कि विज्ञान, तकनीक और समाज की तमाम समस्याओं को सुलझाने का एक सशक्त माध्यम मानकर उसका अध्ययन करें।
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