हरदोई। विकास खंड भरावन में तैनात खंड शिक्षा अधिकारी डीएल राना को बर्तन खरीद में गड़बड़ी करने के आरोप में बीएसए कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है।
उनके खिलाफ आरोपों की जांच के लिए दो सदस्यीय टीम गठित की गई है। वहीं, ब्लॉक संसाधन केंद्र पर
तैनात दो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को भी मूल विद्यालय भेज दिया गया है। मिड-डे मील योजना के तहत जिले में 3,583 विद्यालयों के तीन लाख 81 हजार 235 विद्यार्थियों को पका पकाया भोजन उपलब्ध कराया जाता है। शासन की ओर से बच्चों के स्वास्थ्य को देखते हुए एल्युमीनियम के बर्तन के प्रयोग पर रोक लगा दी है। उसके स्थान पर भोजन पकाने के लिए स्टील के बर्तन खरीदने के
निर्देश दिए गए हैं। जिले में 3,060 विद्यालयों में वर्तन की खरीद की जा रही है। इसके लिए विद्यालयों को 50 से 150 बच्चों तक 15 हजार रुपये, 151 से 250 बच्चों पर 20 हजार रुपये और 250 से अधिक बच्चों के लिए भोजन पकाने के बर्तन खरीदने पर 25 हजार रुपये की धनराशि भेजी गई है। विद्यालय प्रबंध समिति को बर्तन की खरीद करनी है। मगर खंड शिक्षा अधिकारी बर्तन की खरीद में अपनी चहेती फर्म से बर्तन खरीदने का दबाव बना रहे है।
खंड शिक्षा अधिकारी भरावन डीएल राना और ब्लॉक संसाधन केंद्र पर तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी दिनेश कुमार व अनुराग कुमार पर
विधायक अल्का अर्कवंशी व मंडल भाजपा अध्यक्ष सूरज सिंह की ओर से आरोप लगाए गए थे।
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इसके साक्ष्य बीएसए को उपलब्ध कराए गए थे, जिस पर बेसिक शिक्षा अधिकारी विजय प्रताप सिंह ने खंड शिक्षा अधिकारी भरावन डीएल राना को ब्लॉक से हटाकर बीएसए कार्यालय से संबद्ध कर दिया है और उनके ऊपर लगे आरोपों की जांच के लिए जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला विकास अधिकारी व खंड विकास अधिकारी भरावन को जांच अधिकारी नामित किया है।
वहीं, दो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को भी ब्लॉक संसाधन केंद्र से हटाकर मूल विद्यालय भेज दिया गया है। बीएसए विजय प्रताप सिंह की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि प्रथम दृष्टया शिकायत सही पाई गई है।