नई दिल्ली: काफी विलंब के बाद आखिर दशकीय जनगणना 2025 की शुरुआत में आरंभ होने की संभावना है और इसके आंकड़े 2026 तक घोषित किए जाएंगे। हालांकि, अभी इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है कि जाति आधारित जनगणना भी की जाएगी या नहीं। जातियों की बहुत बड़ी संख्या के कारण इसे जटिल माना जा रहा है, लेकिन यह तय है कि अगर जाति जनगणना हुई तो मुस्लिम में भी जातिवार गणना होगी।
वैसे भी भारत के महापंजीयक व जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति लगभग दो साल बढ़ाए जाने से जनगणना की प्रक्रिया जल्द शुरू होने के आसार और बढ़ गए हैं। नियुक्ति से संबंधित मंत्रिमंडलीय समिति ने उनकी प्रतिनियुक्ति को चार अगस्त 2026 तक बढ़ा दिया है। माना जा रहा है कि 2025 में जनगणना कर्मियों की ट्रेनिंग के साथ जनगणना प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। उम्र कैडर व 1995 बैच के आइएएस मृत्युंजय ने नवंबर, 2022 में वर्तमान पदभार संभाला था। मृत्युंजय का कार्यकाल बढ़ने से अटकलें तेज हो गई हैं कि उनके नेतृत्व में ही आगामी जनगणना की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके लिए अगले बजट में जरूरी धनराशि का प्रविधान किया जा सकता है। उसके बाद
2025 में जनगणना कर्मियों की ट्रेनिंग की प्रक्रिया शुरू होगी। जनगणना के लिए 30 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। जनगणना की प्रक्रिया दो चरणों में पूरी की जाएगी।
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पहले चरण में घरों और पशुधन की होगी गिनती
पहले चरण में पूरे देश में घरों और उनमें मौजूद पशुधन व अन्य भौतिक संसाधनों की गिनती की जाएगी। दूसरे चरण में व्यक्तियों की गणना शुरू होगी। माना जा रहा है कि जनगणना आयुक्त जल्द जनगणना कर्मियों की ट्रेनिंग से लेकर पहले और दूसरे चरण की जनगणना की तारीखों का एलान कर सकते हैं।