नई दिल्ली। सरकार ने टीडीएस चूक पर लगने वाले शुल्क को दो तीन और पांच फीसदी से घटाकर अब एकसमान 1.5 फीसदी मासिक कर दिया है।
वित्त मंत्रालय ने कहा, आयकर अधिनियम 1961 के तहत नए दिशानिर्देशों का उद्देश्य करदाताओं के लिए प्रक्रिया को आसान और सुलभ बनाना है। रिटर्न दाखिल न करने पर सह-अभियुक्त से अब अलग से कंपाउंडिंग शुल्क नहीं लिया जाएगा।
वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार देर रात जारी अधिसूचना में कहा, छोटे अपराधों में शुल्क दरों को कम किया गया है। इस संशोधन में पहले के दिशानिर्देशों की जटिलताओं को दूर किया गया है।
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संशोधित दिशानिर्देश लंबित व नए दोनों आवेदनों पर लागू होंगे। नए संशोधन के तहत, अब कोई व्यक्ति या कंपनी कंपाउंडिंग के लिए कभी भी आवेदन भर सकती है। पहले, शिकायत दर्ज होने के बाद आवेदन के लिए 36 महीने की समय सीमा थी, जिसे हटा दिया गया है।