सूबे के अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में सहायक अध्यापकों के 1504 और प्रधानाध्यापकों के 390 पदों पर तीन साल बाद भी भर्ती नहीं होने के कारण इन स्कूलों में ताला पड़ने की नौबत आ गई है।
शिक्षा निदेशालय की ओर से शासन को भेजी गई सूचना के मुताबिक प्रदेश के 3049 एडेड जूनियर हाईस्कूलों में 143 स्कूलों में न तो कोई शिक्षक बचा है और न प्रधानाध्यापक ही है। यदि चयन प्रक्रिया जल्द पूरी नहीं हुई तो कई अन्य स्कूलों पर ताला पड़ जाएगा। हाईकोर्ट से भर्ती का रास्ता फरवरी में ही साफ हो चुका है लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग के अफसर अब तक नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं कर सके हैं।
भर्ती में देरी को लेकर कुछ स्कूलों के प्रबंधकों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं भी की हैं कि यदि सरकार भर्ती पूरी नहीं कर पा रही है तो चयन का अधिकार एक बार फिर से प्रबंधकों को दे दिया जाए। सूत्रों के अनुसार मामले में शासन स्तर पर एक उच्च स्तरीय बैठक जल्द होने वाली है।
संशोधित परिणाम में 3369 अभ्यर्थी हुए थे फेल
परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने दो साल पहले छह सितंबर 2022 को संशोधित परिणाम जारी किया था जिसमें पूर्व में सफल 3369 अभ्यर्थी फेल हो गए थे। संशोधित परिणाम में सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए परीक्षा में सम्मिलित 2,71,071 अभ्यर्थियों में से 42,066 जबकि प्रधानाध्यापकों की भर्ती के लिए 14,931 अभ्यर्थियों में से 1544 को सफल घोषित किया गया था। जबकि उससे पहले 15 नवंबर 2021 को घोषित परिणाम में सहायक अध्यापकों के लिए 45,257 और प्रधानाध्यापकों के लिए 1,722 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया था।