प्रयागराज। आधार कार्ड के चक्रव्यूह में जिले परिषदीय विद्यालयों के 13,000 हजार बच्चों को अब तक ड्रेस, जूता-मोजा व स्कूल बैग पैसा नहीं मिल सका है। अप्रैल में नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत की गई थी। लेकिन, करीब आठ महीने बाद भी इनके आधार नहीं बन सके।
गुलाबी सर्दी ने दस्तक दे दी है, अगर जल्द आधार नहीं बने तो इन बच्चों को ठिठुरना पड़ सकता है। डीबीटी (डायरेक्ट बेनीफिट
ट्रांसफर) के तहत परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को जूता-मोजा, जूता- दो जोड़ी यूनिफॉर्म, स्वेटर व स्टेशनरी के लिए 1200 रुपये दिए जाते हैं।
योजना का 3,91,000 में से 3,76,000 बच्चे लाभ उठा चुके हैं। जबकि, 2000 बच्चों का आधार कार्ड बनने के बाद भी नामांकन नहीं हो सका है। इसकी वजह से
धनराशि इन्हें नहीं भेजी जा सकी है। इनके आधार कार्ड बनने में सबसे बड़ी बाधा जन्म प्रमाण पत्र न होने की बताई जा रही है।
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बच्चों का आधार कार्ड बनाने के लिए बैंकों, प्रधान डाकघर से संपर्क किया जा रहा है। इसके लिए चिट्ठी भी जारी की गई है। जिनका खाता आधार से लिंक नहीं है, उन्हें जोड़ा जा रहा है। इसके साथ ही अभिभावकों को भी आधार कार्ड बनवाने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
प्रवीण तिवारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी