गजरौला। सुल्तानठेर के संविलियन विद्यालय के प्रधानाध्यापक संजीव कुमार की आत्महत्या में नामजद सहायक अध्यापक राघवेंद्र सिंह और उनकी शिक्षक पत्नी की गिरफ्तारी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अरविंद सिंह सांगवान व मोहम्मद अजहर हुसैन इदरीशी की बेंच ने 11 फरवरी 2025 तक गिरफ्तारी न करने के लिए आरोपी शिक्षक दंपती को स्टे दिया है।
सुल्तानठेर के संविलियन विद्यालय के प्रधानाध्यापक संजीव कुमार ने एक अक्तूबर की सुबह स्कूल के ही कक्ष में फंदे लगाकर आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने आत्महत्या के लिए सहायक अध्यापक राघवेंद्र सिंह, उनकी पत्नी सरिता सिंह और बीएसए डॉ. मोनिका को जिम्मेदार ठहराया था। इससे संबंधित सुसाइड नोट भी मौके पर मिला था।
पुलिस ने संजीव कुमार के बेटे अनुज सिंह की तहरीर पर तीनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। पुलिस की ओर से शिक्षक दंपती की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दी
गई , लेकिन हाथ नहीं लगे।
वहीं, शिक्षक दंपती ने गिरफ्तारी से बचने के लिए वकील पंकज कुमार व शशांक मिश्रा के माध्यम से इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट के समक्ष तर्क प्रस्तुत किए कि संजीव कुमार ने खुदकुशी के लिए शिक्षक दंपती को जिम्मेदार ठहराया है। सुसाइड नोट में इसका जिक्र किया है। सुसाइड नोट का हवाला दिया कि वह कहते हैं कि दो अप्रैल 2019 से उनका मानसिक रूप से उत्पीड़न किया जा रहा था।
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जब पांच साल से उनका उत्पीड़न किया जा रहा था तो उन्होंने पुलिस से शिकायत क्यों नहीं की। शिक्षा विभाग के किसी उच्च अधिकारी को क्यों नहीं बताया। उनके तर्क सुन कर बेंच ने 11 फरवरी-25 को सुनवाई होने तक शिक्षक दंपती की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। शिक्षक के बेटे अनुज सिंह का कहना है कि शिक्षक दंपती की गिरफ्तारी से बचाव के लिए स्टे जारी होने की जानकारी है।