देसही देवरिया। परिषदीय विद्यालयों में सत्रीय परीक्षा शुरू हो गई है। दूसरे दिन भी विद्यालयों पर प्रश्नपत्र नहीं पहुंचे। अध्यापक ब्लैक बोर्ड पर प्रश्न लिख कर जैसे-तैसे परीक्षा करा रहे हैं। कुछ जगह पर प्रश्न पत्र न मिलने की वजह से परीक्षा भी नहीं कराई जा रही है। जबकि सरकार का फरमान है कि बच्चों को प्रश्न पत्र देकर परीक्षा कराई जाय और उत्तर पुस्तिका को अभिभावकों के समक्ष दिखाई जाय।
देसही देवरिया विकास खंड क्षेत्र में कुल 93 परिषदीय विद्यालय हैं। बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से इस सत्र में प्रथम सत्रीय परीक्षा स्कूलों में 18 सितंबर से शुरू हो गई है। बृहस्पतिवार को परीक्षा के दूसरे दिन प्रथम पाली में कक्षा 2-3 में गणित, 4-6 तक हिंदी, 7- 8 में विज्ञान विषय की परीक्षा हुई। इस साल किसी भी विद्यालय पर परीक्षा का पेपर उपलब्ध नहीं कराया गया। शिक्षक ब्लैक बोर्ड पर अपने तरीके से प्रश्न लिख कर परीक्षा करा कर औपचारिकता पूरा कर रहे हैं।
जिले के पूर्व सह जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. रामहजूर ने बताया कि बच्चों को प्रश्नपत्र मिलता तो वह परीक्षा देने के बाद घर जाकर अपने किताब से या उत्तरपुस्तिका से उसका मिलान करते। अपनी परख करते कि उन्होंने सही लिखा या गलत। जबकि हकीकत यह है कि देसही क्षेत्र के कुछ विद्यालय पर तो परीक्षा कराई ही नहीं जा रही है। वहां शिक्षकों का कहना है कि वह प्रश्न पत्र की व्यवस्था कर लेंगे तभी परीक्षा कराएंगे। सरकारी फरमान तो यह भी है कि अभिभावकों को उत्तरपुस्तिका दिखाई जाय। ऐसे में भला वह गुणवत्ता कैसे दिखेगी। ऐसे में इस शिक्षा क्षेत्र में यह परीक्षा औपचारिकता बन कर रह गई है।
परिषदीय परीक्षा 18 सितंबर से शुरू हो गई है है जो 23 सितंबर तक चलेगी। इस बार प्रश्न पत्र ऊपर से ही नहीं भेजा गया है । केवल माॅडल प्रश्न पत्र प्राप्त हुआ है, जो शिक्षकों को उनके मोबाइल पर भेज दिया गया है। ब्लैक बोर्ड पर लिखवाकर परीक्षा कराई जा रही है। प्रश्न पत्र बच्चों को मिलना चाहिए। नहीं मिलने से परीक्षा की शुचिता और गुणवत्ता प्रभावित होगी।
- पंकज कुमार सिंह, बीईओ, देसही देवरिया