गाजीपुर, । आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने शनिवार को जिलाधिकारी को पत्रक सौंपकर 10684 को-सोफेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों में ईसीसीई एजुकेटर की नियुक्ति का विरोध जताया। उनका कहना है कि इस कार्य के लिए वह स्वयं सक्षम हैं। इसलिए इस नियुक्ति को रद्द किया जाय।
संघ की जिलाध्यक्ष चंद्र प्रभा सिंह ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन परिषदीय स्कूलों में संचालित किए जा रहे 10684 को-सोफेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों में ईसीसीई एजुकेटर की नियुक्ति होनी है। जबकि महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ एक मर्यादित व अनुशासित संगठन है। इनकी नियुक्ति छह मूल कार्यों शिक्षा, स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण, अनुपूरक पोषाहार, पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा, दिशा-निर्देशन व संदर्भित सेवाओं के लिए की गई है, जिसे वह निरंतर करती चली आ रही हैं। अन्य विभागों के कार्यों को भी वह समय-समय पर कर रही हैं। संगठन को जानकारी मिली है कि बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन परिषदीय स्कूलों में संचालित किए जा रहे को-सोकेटेड 10684 आंगनबाड़ी केन्द्रों में ईसीसीई एजुकेटर रखे जाएंगे, जो आंगनबाड़ी की छह सेवाओं में से मात्र एक सेवा योजना पर कार्य करेंगे। यही नहीं इसके एवज में उन्हें 10313 प्रति माह भुगतान किया जाएगा। पीएफ व ईएसआई योजना का भी लाभ उन्हें दिया जायेगा। जो आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं के लिए खेद का विषय है। आंगनबाड़ी कार्यकतियां इस कार्य के लिए निपुण और सक्षम हैं। आउटसोर्सिंग के माध्यम से उक्त पद की व्यवस्था करने की आवश्यकता बिल्कुल नहीं है। कहा कि अगर उक्त नियुक्ति को रद्द नहीं किया गया, तो उत्तर प्रदेश की पौने चार लाख आंगनबाडी कार्यकत्रियां, सहायिकाएं काम बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल को मजबूर होंगी। इस दौरान निर्मला सिंह, उषा वर्षा, हीरा यादव, कंचन राम, राजेश, सतीष गुप्ता, सीता सिंद, लाडची देबी, तिलकू कुधवाहा, मिथिलेस राम, मंजू सिंह, आदि मौजूद थीं।