प्रयागराज, । नवगठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को आखिरकार परीक्षा नियंत्रक भी मिल गया। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक देवेंद्र प्रताप सिंह को प्रतिनियुक्ति पर तीन साल के लिए नए आयोग का परीक्षा नियंत्रक बनाया गया है। शासन के विशेष सचिव गिरिजेश कुमार त्यागी की ओर से सोमवार को देवेंद्र प्रताप सिंह की नियुक्ति का आदेश जारी करते हुए अविलंब कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए गए हैं।
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नए आयोग के गठन के सालभर बाद एक सितंबर को गोरखपुर विश्वविद्यालय की प्रो. कीर्ति पांडेय को अध्यक्ष बनाया गया था। 21 अगस्त 2023 को नए आयोग का अधिनियम कैबिनेट से पास हुआ था। उसके बाद 13 नवंबर 2023 को नियमावली को मंजूरी मिली। 15 मार्च को आयोग में 12 सदस्यों की नियुक्ति हुई और 18 जुलाई को सचिव ने कार्यभार ग्रहण किया। उपसचिव के चार सृजित पदों में से केवल एक पर कार्यवाहक उपसचिव कार्यरत हैं। समयबद्ध तरीके से परीक्षाएं आयोजित करने के लिए नए आयोग में परीक्षा नियंत्रक का पद सृजित किया गया है। परीक्षा केंद्रों, केंद्र अधीक्षकों तथा कक्ष निरीक्षकों की व्यवस्था, परीक्षार्थियों को अनुक्रमांक आवंटन एवं प्रवेश पत्र की व्यवस्था, आवेदन पत्र आमंत्रित करने के लिए विज्ञापन के प्रक्रम में चयनित अभ्यर्थियों का पैनल अग्रसारित करने तक पदों की विभिन्न श्रेणियों के लिए अभ्यर्थियों के चयन की कार्यवाही, आवेदन पत्रों की समुचित और समय से संवीक्षा की जिम्मेदारी परीक्षा नियंत्रक की है।
विज्ञापित पदों पर परीक्षा कराना होगी चुनौती
प्रयागराज। नए आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष के सामने पूर्व से विज्ञापित दो भर्तियों की लिखित परीक्षा समय से कराना बड़ी चुनौती होगी। सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों पर चयन के लिए 31 अगस्त 2022 तक आवेदन लिए थे। इसके लिए आवेदन करने वाले एक लाख अभ्यर्थियों की परीक्षा करानी है। 4512 एडेड स्कूलों में टीजीटी के 3539 और पीजीटी के 624 कुल 4163 पदों पर भर्ती के लिए 16 जुलाई 2022 तक आवेदन मांगे गए थे। इसकी परीक्षा भी कराना बड़ी चुनौती होगी।