प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सात अगस्त 1993 से दिसंबर 2000 के बीच नियुक्त एक हजार से अधिक अस्थायी अध्यापकों को नियमित करने की ठोस योजना पेश करने का समय दिया है। कोर्ट ने कहा कि योजना के साथ हलफनामा दाखिल नहीं हुआ तो अपर मुख्य सचिव माध्यमिक लखनऊ 27 सितंबर को सुनवाई के समय हाजिर हों।
यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने विनोद कुमार श्रीवास्तव की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। अपर महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि वर्ष 2000 से पहले के तदर्थ अध्यापकों का वेतन रोकने के नौ नवंबर 2023 के शासनादेश को संशोधित कर एक सप्ताह में नया शासनादेश जारी किया जाएगा। सभी को वेतन दिया जाएगा। अपर महाधिवक्ता ने माना कि क्षेत्रीय चयन समिति ने अध्यापकों की अर्जी पर विचार करते समय कुछ तकनीकी गलती की है। उन्होंने कहा कि सरकार कंक्रीट प्लान लाएगी। याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आरके ओझा का कहना था कि प्रकरण चयन समिति को वापस भेजा जाए।