शिक्षक की सबसे बड़ी परेशानी ये है कि वो केवल अपने विषय में सोचता है कि हाँ मैं अब प्रभावित हुआ तो चलो अब कोर्ट चलो,वो आने वाली आहट को समझने में हमेशा नाकाम रहा है : हिमांशु राणा

 शिक्षक की सबसे बड़ी परेशानी ये है कि वो केवल अपने विषय में सोचता है कि हाँ मैं अब प्रभावित हुआ तो चलो अब कोर्ट चलो। 

वो आने वाली आहट को समझने में हमेशा नाकाम रहा है 

संविलियन 

हेड जूनियर सहायक पद 

समायोजन 

और अब नए तरीक़े से ये 

शिक्षक की परेशानी ये रही है कि जब तक उसके ख़ुद के घर की छत पर बात नही आई तब तक वो शांत ही रहा है और उन्हें पंगु में सबसे बड़ा हाथ रहा है इन शिक्षक संगठनों का क्योंकि ये लोग knowledge के मामले में हैं शून्य और शिक्षक से चाहते हैं कि वे इनके दरबार में जाकर गुहार लगाए और ये सरकार से बात करेंगे। 

बहुत से संगठन मेरी aggresive कार्यशैली से खार खाते हैं उसकी एक सबसे बड़ी वजह है शिक्षा मित्रों के समायोजन को रद्द करवाना है जिसमें किसी की पत्नी किसी का भाई किसी के रिश्तेदार की नौकरी गई। 

इन सबसे कभी भी आप पूछिएगा हिमांशु क्यों ग़लत है तो यही कहेंगे कि कोर्ट में हर मामले को ले जाता है और अब एक तो नई lobby जन्म ले ली है कि प्रमोशन नही होने दे रहा है । अरे विरोध करो सही बात पर अब आपको मेरे ऊपर कोई other allegations तो लगने आते नही है तो मात्र यही बचते हैं । 

अभी हाल फ़िलहाल में कोई RSM के नेता है पूरब के वे मुँह भर भरकर मेरे बारे में कुछ न कुछ बोल रहे हैं जबकि हक़ीक़त ये है कि उनकी अर्धनगिनी शिक्षा मित्र हैं ऐसे ही कभी मेरे विषय में डा० शर्मा बोलते थे हक़ीक़त ये थी कि उन्हें MLC के लिए टिकट चाहिए और फिर चाहे नियम तांक पर रहें चाहे ग़लत का ही साथ देना पड़े लेकिन देंगे। 

मैं शिक्षा मित्रों का विरोध मात्र कोर्ट में किया मेरी किसी से कोई नीजी दुश्मनी नही है लेकिन ये लोग ऐसा hype create किए हैं कि जैसे मैं उनका दुश्मन हूँ अगर दुश्मन होता तो अगली vacancy तक के लिए ख़त्म करवाता। 

बीत गई सो बात गई ये आदेश देख लीजिए संगठित रहिए और जागिये 

धन्यवाद 

#rana