स्कूल की छत से कूदकर छात्रा ने जान दी: प्रधानाचार्य माइक पर चीखते रहे,कूद गई छात्रा



कोठी (बाराबंकी)। कक्षा 12 में पढ़ने वाली छात्रा ने मंगलवार को स्कूल की दूसरी मंजिल की छत से छलांग लगा दी। स्कूल प्रबंधन की सूचना पर पहुंचे परिजन लहूलुहान छात्रा को लेकर सीएचसी पहुंचे। उसे लखनऊ के लोहिया अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहां उसकी मौत हो गई।


कोठी थाना क्षेत्र के कस्बे के निवासी दीपक मिश्रा की पुत्री वैष्णवी मिश्रा (17) बाल विकास विद्या मंदिर इंटर कालेज कोठी में कक्षा 12 की छात्रा थी। वह मंगलवार को सुबह आठ बजे स्कूल आई। सहपाठी छात्रा से मिलकर उसने बताया कि घर पर मम्मी-पापा ने उसे बहुत डांटा है। इसके बाद सभी बच्चे क्लास रूम में बैठ गए। नौ बजे अचानक छात्रा वैष्णवी स्कूल की दूसरी मंजिल की छत पर पहुंची और उसने चहारदीवारी पर चढ़कर स्कूल के सामने वाले हिस्से की तरफ छलांग लगा दी। उसकी आवाज सुनकर कालेज के कर्मचारी दौड़े तो वह लहुलुहान होकर जमीन पर पड़ी थी। प्रधानाचार्य विक्रम सिंह ने छात्रा को स्कूल के वाहन से सीएचसी कोठी पहुंचाया और परिजनों को सूचना दी। वहां से छात्रा को जिला अस्पताल रेफर किया गया। वहां से डाक्टरों ने लोहिया अस्पताल लखनऊ रेफर कर दिया।


बाएं हाथ में फ्रैक्चर व बीपी निकला था कम वैष्णवी को घटना के बाद सीएचसी कोठी लाया गया। वहां पर तैनात डॉ. हसीब ने बताया कि छात्रा की जांच की तो उसके सिर आदि कहीं से भी कोई अंग फटा नहीं था। सिर्फ बाए हाथ की हड्डी टूटी हुई लग रही थी। इतना ही नहीं ब्लड प्रेशर काफी कम था। छात्रा कुछ भी बोलने में असमर्थ थी।


 प्रधानाचार्य माइक पर चीखते रहे,कूद गई छात्रा

कार्यालय के बाहर बैठे प्रधानाचार्य की नजर अचानक छत की ओर गई तो देखा कि कोई छात्रा ऊपर मौजूद है। इस पर उन्होंने माइक से जोर से घोषणा कि कौन छात्रा है छत पर। कर्मचारी जब तक छत पर पहुंचते उससे पहले ही छात्रा वैष्णवी छत की रेलिंग वाली चाहरदीवारी पर चढ़ी और छलांग लगा दी। कोठी कस्बे में रहने वाले दीपक मिश्रा पूजा पाठ करके अपने परिवार का गुजारा करते हैं। मंगलवार को वह घर पर मौजूद नहीं थे। नासिक में किसी यजमान का पूजा कराने गए हुए थे। दीपक की पुत्री वैष्णवी मिश्रा घर से करीब एक किलोमीटर दूर बाल विकास विद्या मंदिर इंटर कालेज में कक्षा बारह की छात्रा थी।


कालेज के प्रधानाचार्य विक्रम सिंह ने बताया कि वह अपने कार्यालय से करीब चालीस मीटर दूर बैठे हुए थे। करीब नौ बजे उनकी नजर छत की ओर गई तो उन्होंने देखा कि एक छात्रा छत पर चढ़ी है। उन्होंने कहा कि वह तत्काल कार्यालय आए और वहां लगे माइक पर एनाउंस किया कि कौन छात्रा छत पर चढ़ी है, तत्काल नीचे आ जाए। विक्रम सिंह ने बताया कि उन्होंने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को छत पर देखने के लिए भेजा। इसके बाद वह बाहर आ गए। श्री सिंह ने कहा कि जैसे ही वह बाहर आए कि जोरदार आवाज के साथ छात्रा नीचे जमीन पर गिरी देखी। उन्होंने अपने स्टाफ को बुलाया और खुद भी करीब गए। सभी ने छात्रा की पहचान वैष्णवी के रूप में की। इसके बाद आनन-फानन उसे सीएचसी कोठी भेजा। इसके बाद लखनऊ में उसकी मौत की ने पूरे प्रबंधन को हिलाकर रख दिया। तत्काल स्कूल में छुट्टी कर दी गई।

छात्रा के स्कूल के छत से कूदने की घटना की सूचना पूरे स्कूल में फैल गई। शिक्षक ही नहीं बच्चे तक बाहर मैदान में पहुंच गए। वहां के हालात देख बच्चे डर कर सहम गए। शिक्षक-शिक्षिकाएं भी हतप्रभ थी। सूचना बाहर फैलते ही काफी संख्या में ग्रामीण भी स्कूल परिसर में आ गए। सभी में इस बात को लेकर चर्चा थी कि आखिर छात्रा ने इतना बड़ा कदम कैसे उठाया।


सामान्य दशा में दिख रही थी वैष्णवी कक्षा बारह के क्लास टीचर राममिलन ने कहा कि प्रार्थना स्थल से लेकर क्लास रूम तक वैष्णवी सामान्य दशा में नजर आ रही थी। वैसे भी वह चुपचाप ही रहती थी। उन्होंने बताया कि वैष्णवी के चेहरे पर भी परेशानी जैसे कोई भाव नहीं नजर आए। जिससे ऐसा आभास लगे कि वह किन्ही कारणों से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि वह हतप्रभ हैं कि वैष्णवी ऐसा कदम उठा सकती है। वैष्णवी की जीव विज्ञान की शिक्षिका नन्दिता ने भी कहा कि वैष्णवी काफी शांत स्वभाव की थी। वह कक्षा में भी दो-चार सहेलियों के अलावा किसी से बातचीत कभी नहीं करती थी। चुपचाप रोज स्कूल आती और हरेक कक्षा में उपस्थित रहती। शिक्षिका नन्दिता भी पूरी घटना को लेकर हतप्रभ थीं।

गले मिल सहेलियों से बोली थी,आज अंतिम दिन


प्रधानाचार्य विक्रम सिंह बताते हैं कि वैष्णवी की साथी छात्राओं ने कहा कि वह सुबह जल्दी आई और कहा कि मम्मी ने उसे बहुत डांटा है। इस पर अन्य बच्चों ने कहा कि इसमें कौन सी बात है उनके घरों में भी डांट पड़ती है। वैष्णवी ने कहा कि उसे आज स्कूल नहीं आने दिया जा रहा था। वह जबरदस्ती आई है और वह आज जान दे देगी। जिस पर एक छात्रा ने कहा कि वह राममिलन सर से बता देगी। इस पर वह बोली कि वह भी हमें नहीं बचा पाएंगे। वैष्णवी की सहेलियों ने कहा कि इसके बाद उसने सभी को गले से लगाया और कहा कि अंतिम मुलाकात है।