महिला शिक्षामित्र और सहायक अध्यापिका के बीच हुए विवाद की विभागीय जांच शुरू हो गई है। तीन सदस्यीय जांच टीम ने विद्यालय में जाकर जांच की। पीड़ित और आरोपी से जानकारी ली। अन्य स्टाफ से भी पूछताछ की गई। जांच टीम बयान भी दर्ज करेगी।
नगर के नगर पालिका के पास उच्च प्राथमिक विद्यालय की सहायक अध्यापिका उमा देवी ने शिक्षामित्र रिंकी चौधरी पर हाथापाई, गाली गलौज, जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए रिंकी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। इससे पहले उन्होंने शनिवार की रात अपना वीडियो वायरल किया था। रविवार को एसडीएम चंद्रकांता, बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. मोनिका, खंड शिक्षा अधिकारी आरती गुप्ता और शिक्षक संगठनों ने समझौते के लिए कई घंटे थाने में प्रयास किया था, लेकिन बात नहीं बनी थी।
उधर, विभागीय जांच के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी ने खंड शिक्षा अधिकारी मुख्यालय भारत भूषण त्यागी, खंड शिक्षा अधिकारी आरती गुप्ता और खंड शिक्षा अधिकारी जोया प्रकाश चंद्र की जांच टीम बनाई। जांच टीम सोमवार को विद्यालय में आई। यहां पर टीम ने पीड़ित सहायक अध्यापिका उमा देवी और आरोपी शिक्षामित्र रिंकी से घटनाक्रम की जानकारी ली। जांच टीम में शामिल बीईओ आरती गुप्ता ने बताया कि जल्द ही लिखित बयान दर्ज किए जाएंगे।
इंस्पेक्टर से की शिक्षामित्र की तरफ से रिपोर्ट दर्ज किए जाने की मांग
गजरौला।
महिला सहायक अध्यापिका उमा देवी के साथ गाली-गलौज, जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल और हाथापाई करने में नामजद की गईं शिक्षामित्र ने भी रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए पु़लिस को तहरीर दी। वह सोमवार शाम शिक्षकों के साथ थाने गईं।
पुलिस को दी गई तहरीर में उनका कहना है कि सहायक अध्यापिका उमा देवी 30 अगस्त को कक्षा तीन की छात्रा सोफिया को अपने बच्चों को खिलाने के लिए ले जाने लगी। उनके पूछने पर वह चिल्लाने लगीं। आरोप है कि जान से मारने व एससी एक्ट के झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। उनका आरोप है कि सहायक अध्यापिका ने साजिश के तहत वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। तहरीर देने से पहले शिक्षकों ने उनके समर्थन में बैठक की। उधर, विद्यालय की प्रधानाध्यापिका रेखा रानी का आरोप है कि सोमवार सुबह सहायक अध्यापिका उमा देवी स्कूल में आईं। उन्होंने बच्चों के हाथ में झाड़ू थमा दी और उसकी वीडियो बनाने लगीं। जिससे यह दिखाते हुए वायरल कर दिया जाए कि बच्चों से झाड़ू लगवाई जा रही है।