25 September 2024

अब ARP समझाएंगे शिक्षकों को परिषदीय स्कूलों में पढ़ाने का तरीका


परिषदीय विद्यालयों में पहुंचने वाले एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) अब सिर्फ निरीक्षण कार्य तक ही सीमित नहीं रहेंगे। अब एक दिन में सिर्फ दो स्कूलों का ही भ्रमण करेंगे। उन्हें विद्यालय में कम से कम दो घंटे का समय गुजारना होगा। वहां यदि शिक्षण कार्य में दिक्कत आ रही है तो शिक्षकों को बच्चों को बेहतर ढंग से पढ़ाने का तरीका भी समझाएंगे। शिक्षण कार्य और बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता को भी परखेंगे।





परिषदीय विद्यालयों में शिक्षण कार्य की गुणवत्ता में सुधार, बच्चों का नामांकन और नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने को लेकर कई कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इसी के तहत शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए ब्लॉकवार और विषयवार कुल 30 एआरपी नियुक्त किए गए हैं। इन्हें अपने ब्लाॅक क्षेत्र के स्कूलों में पहुंचकर शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए जरूरी पहल करने की जिम्मेदारी दी गई है।





शिक्षण कार्य की बेहतरी को लेकर संचालित कार्यक्रमों से भी उन्हें शिक्षकों को अवगत कराना है। जरूरत के अनुसार उन्हें शिक्षकों को जानकारी देने के साथ बच्चों को पढ़ने का तरीका सिखाना है। अधिकतर एआरपी अपने माहवार निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए एक दिन में तीन से चार स्कूलों में पहुंचकर वहां पर फोटो-वीडियो प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड कर अपने दायित्व को पूरा कर लेते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब उन्हें एक दिन में सिर्फ दो स्कूलों में ही जाना होगा। दोनों स्कूलों में कम से कम दो घंटे का समय व्यतीत कर शिक्षा की गुणवत्ता परखनी होगी। बच्चों को पढ़ाकर उनमें मिलने वाली कमियों में सुधार करने का भी प्रयास कराना होगा।


प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड करेंगे दो घंटे की गतिविधि

-एकेडमिक रिसोर्स पर्सन स्कूलों का निरीक्षण कर शैक्षिक व्यवस्था की स्थिति से अवगत होकर अपनी रिपोर्ट देते थे। जबकि अब उन्हें शिक्षक और बच्चों के बीच बिताए गए दो घंटे के अंतराल में संपन्न की गई गतिविधि से जुड़ी फोटो और वीडियो प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड करनी होगी।