प्रदेश के 9,900 स्कूलों में कक्षा के चारों कोने होंगे ज्ञान का खजाना, बजट जारी


लखनऊ। प्रदेश में 9,900 परिषदीय प्री-प्राइमरी स्कूलों में अब विद्यार्थियों को खेल-खेल में रोचक ढंग से पढ़ाई कराई जाएगी। कक्षा में चारों कोने ऐसे होंगे जिनसे वह दैनिक दिनचर्या, फल, फूल व सब्जियों के नाम और अक्षर ज्ञान सीख सकेंगे। प्रत्येक विद्यालय को इसके लिए सामग्री खरीदने को 8,110 रुपये की धनराशि दी गई है।



करीब आठ करोड़ रुपये इन विद्यालयों में खर्च कर निजी स्कूलों की तर्ज पर मनोरंजक ढंग से पढ़ाई कराई जाएगी। महानिदेशक, स्कूल शिक्षा की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि प्री-प्राइमरी स्कूलों में जल्द चार लर्निंग कार्नर (सीखने वाले कोने) तैयार किए जाएं।



फल, फूल व सब्जियों की प्लास्टिक की आकृतियां, खिलौने, डाक्टर का आला, सिरिंज, किचन का सामान जिसमें प्लास्टिक का चूल्हा व बर्तन इत्यादि हों यह सबकुछ अलग-अलग चार कोनों पर बेहतर ढंग से रखे जाएं।


आकृतियों के माध्यम से छाेटे बच्चे आसानी से चीजों को पहचान सकेंगे और सीख सकेंगे। सीखने पहला पढ़ने का कोना जिसमें चित्रों से संबंधित पुस्तक, साधारण रंग-बिरंगे तकिये, स्लेट और पोस्ट इत्यादि लगाए जाएंगे। इसकी मदद से वह अक्षर ज्ञान हासिल कर सकेंगे।



अच्छी आदतें सीखेंगे बच्चे
दूसरा आर्ट कोना होगा जिसमें आर्ट्स शीट्स, पेंसिल कलर, कैंची, ग्लेस पेपर, टूथ ब्रश, तौलिया, पौधों के पाट इत्यादि रखे जाएंगे। इसके माध्यम से वह आर्ट्स सीखेंगे और उन्हें दैनिक दिनचर्या में किस तरह सुबह उठकर ब्रश करना है, साफ सुथरे कपड़े पहनने हैं जैसी अच्छी आदतें सिखाई जाएंगी।

तीसरा ब्लाक कोना होगा और इसमें लकड़ी व प्लास्टिक के रंग-बिरंगे ब्लाक होंगे। जिसमें हिंदी व अंग्रेजी के अक्षर और अंक होंगे और चित्र पहेलियां होंगी।

चौथा प्रदर्शन कोना होगा होगा और इसमें फल, फूल व सब्जियों के प्लास्टिक के सेट, गुडिया, शीशा-कंघा और छोटे पर्दे लगाकर इसे सजाया जाएगा। बच्चों को इसके माध्यम से फल, फूल व सब्जियों को पहचान सकेंगे, प्रेरक कहानियों के आधार पर गुडिया व गुड्डे का खेल कर मनोरंजन के साथ-साथ ज्ञान ले सकेंगे। विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का बेहतर ढंग से विकास करने के लिए यह पहल की गई है।