कायाकल्प की हकीकत : 84 विद्यालय पानी और कीचड़ से घिरे



 गाजीपुर। बीते दिनों लगातार हुई बारिश ने विद्यालयों के कायाकल्प योजनाओं की पोल खोल दी है। मौजूदा समय जिले के 84 स्कूलों के परिसर या उनके पहुंच मार्ग पर जलभराव और कीचड़ है। काफी दिनों से पानी लगने से स्कूल परिसर में बड़ी-बड़ी घास उग गई है। इससे जीव-जंतुओं का भय बना रहता है। लेकिन बच्चों और शिक्षकों को पानी और कीचड़ से होकर ही स्कूल आना-जाना पड़ रहा है। 






जिले में 2266 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं। इनके कायाकल्प के लिए सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन बहुत से स्कूलों की दशा अभी तक नहीं सुधर सकी है। इन विद्यालयों में पानी भरने की समस्या ज्यादा गंभीर है। इनमें जलनिकासी की व्यवस्था दुरुस्त कराने के साथ ही मिट्टी भराने की बात कही गई थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। झमाझम बारिश के बाद जलनिकासी की व्यवस्था नहीं होने से विद्यालय तालाब बन जाते हैं। सबसे ज्यादा ऐसे विद्यालय देवकली क्षेत्र के हैं जबकि नगर क्षेत्र का भी एक है। जलभराव से पढ़ाई प्रभावित होती है। शिक्षक एवं छात्र पानी से होकर अपने कक्ष में जाने को मजबूर हैं। यही नहीं परिसर में बड़ी-बड़ी घास उग गई है। विद्यालय में बने शौचालय का प्रयोग करने में भी विद्यार्थियों को परेशानी होती है। 






केस-एक 

जमानिया। स्टेशन बाजार स्थित आदर्श बालिका विद्यालय के पास सड़क एवं गलियों में नाली का पानी भरने से स्कूली बच्चों को गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है। कई बार गंदा पानी बच्चों की ड्रेस पर पड़ जाता है। बच्चे फिसल कर चोटिल हो जाते हैं। अधिशासी अधिकारी सहित उपजिलाधिकारी से जलभराव की शिकायत की गई है लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। देवरिया गांव स्थित कंपोजिट विद्यालय के परिसर में जलभराव है। बीईओ सुरेंद्र पटेल ने बताया कि बीईओ को अवगत कराया गया है। समस्या का समाधान करवा दिया जाएगा। 



केस-दो 




भीमापार। सादात क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय इटवां का परिसर तालाब जैसा दिखाई दे रहा है। कक्षा तक पहुंचना मुश्किल हो गया। कंपोजिट विद्यालय पचरुखवा के मुख्यद्वार पर वर्षा का पानी भर जाता है। ऐसी ही समस्या कुछ अन्य परिषदीय विद्यालयों में भी बनी हुई है। कई विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों ने बताया कि ग्राम पंचायत से लेकर विभागीय अधिकारियों को कई बार अवगत कराने के बाद भी जलभराव की समस्या से निजात नहीं मिल पा रही है। 



केस-तीन 

बारा। कंपोजिट विद्यालय बारा में रास्ता निर्माण न होने से जलभराव हो जाता है। इससे विद्यालय जाने वाले रास्ते पर गड्ढे में पानी भर गया है। रास्ते पर कीचड़ और जलभराव होने से कई बच्चे फिसल कर घायल हो चुके हैं। इस विद्यालय में 263 बच्चे पंजीकृत हैं। बीईओ सीताराम यादव ने कहा कि स्कूल जाने वाले रास्ते और परिसर में जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए डीएम को पत्र भेजा गया है। फिर पत्र भेजकर समस्या को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। 



केस-चार 



सेवराई। झमाझम वर्षा केवल नगरीय क्षेत्र की व्यवस्थाओं की ही नहीं, पोल खोलती है। वर्षा से प्राथमिक विद्यालयों के परिसर लबालब हो जाते हैं। तहसील क्षेत्र के भदौरा ब्लाक अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय मगरखाई, गोड़सरा, ढड़ियाहर, सतराम गंज बाजार और कंपोजिट विद्यालय बारा, उच्च प्राथमिक विद्यालय निरहू का पूरा के परिसर में बरसात के समय में जलजमाव की स्थिति पैदा हो जाती है। इससे छात्र-छात्राओं को आवागमन में काफी परेशानी होती है। 



यहां के विद्यालयों को है समस्या16 ब्लॉक एवं नगर क्षेत्र के एक विद्यालय समेत 84 स्कूलों के पहुंच मार्ग और परिसर में जलभराव की समस्या है। इनमें मरदह, बिरनो एवं रेवतीपुर के दो-दो, बाराचवर, मनिहारी, कासिमाबाद, सदर तीन-तीन, भांवरकोल, करंडा सात-सात, जमानिया के 11 स्कूल हैं। इसी प्रकार सैदपुर, जखनिया एवं सादात के पांच-पांच, मुहम्मदाबाद आठ, नगर क्षेत्र एक तथा देवकली ब्लाक के 13 विद्यालय हैं। 

सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अपने ब्लाक के खंड विकास अधिकारी से संपर्क कर मिट्टी भराव का कार्य सुनिश्चित कराएं, जिससे छात्र-छात्राओं को राहत मिल सके। समस्या का समाधान जल्द से जल्द कराने का प्रयास किया जा रहा है।- हेमंत राव, बेसिक शिक्षा अधिकारी